अंडमान में दक्षिण मानसूनी वायु पहुंच चुकी है इसके प्रभाव के कारण अंडमान निकोबार के द्वीपपुंज में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 10 से 15 दिन के बाद ओडिशा में 7 जून तक मानसून पहुंच जाएगा।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार को अंडमान सागर में दक्षिण पश्चिम मानसूनी वायु पहुंच गई है। यह दक्षिण बंगोप सागर, अंडमान निकोबार द्वीपपुंज के अधिकांश इलाके में पहुंच चुकी है। दक्षिण पश्चिम मानसूनी वायु के प्रभाव से अंडमान निकोबार के द्वीपपुंज में भारी बारिश हो रही है। केरल में आगामी 27 मई तक जबकि इसके 10 से 15 दिन के बाद ओडिशा में 7 जून तक पहुंचने की सम्भावना होने की जानकारी भारतीय मौसम विभाग की तरफ से दी गई है। इसमें 4 से 5 दिन इधर-उधर हो सकता है। 19 को कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, ऐसे में यदि कम दबाव का क्षेत्र बनता है तो फिर मानसून और जल्दी ओडिशा में आ सकता है।
चक्रवात असानी के कारण मानसून के लिए माहौल अनुकूल
आगामी समय में दक्षिण बंगोप सागर मानसून के सक्रिय होने के बाद समग्र अंडमान सागर तथा अंडमान द्वीपपुंज एवं पूर्व केन्द्रीय बंगोपसागर के क्षेत्र में भी मानसून के सक्रिय होने के पूरे आसार हैं। चक्रवात असानी के कारण मानसून के लिए माहौल अनुकूल है। उसी तरह से उत्तर-दक्षिण ट्राफ लाईन (कम दबाव की रेखा) उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश से उत्तर अभयान्तरीण तमिलनाडु, विदर्भ एवं अंदरूनी कर्नाटक तक फैली हुई है। पूर्व पश्चिम ट्राफ लाइन पश्चिम उत्तर प्रदेश से झारखंड तक गई है।
96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत तक बारिश होने की सम्भावना
मौसम विभाग का मानना है कि इस साल मानसूनी बारिश स्वभाविक होगी। यदि भारतीय मौसम विभाग का आकलन सही होता है तो फिर लगातार दूसरे साल देश में स्वभाविक मानसूनी बारिश होगी। आईएमडी पूर्वानुमान के मुताबिक पूरे देश में मानसून के प्रभाव से 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत तक बारिश होने की सम्भावना है। एक एवरेज के मुताबिक देश में 99 प्रतिशत बारिश होने की ज्यादा सम्भावना है। इससे पांच प्रतिशत अधिक या कम हो सकती है। 2021 में देश में स्वभाविक बारिश हुई थी। 2019 एवं 2020 में स्वभाविक से अधिक बारिश रिकार्ड की गई थी। इस साल मानसून ऋतु में उत्तर-पश्चिम ओडिशा में बारिश का प्रभाव अधिक रहेगा।