BHUBANESWAR भुवनेश्वर: देश में सुगंधित चावल के उत्पादन में ओडिशा Odisha की महत्वपूर्ण भूमिका है। उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने शनिवार को कहा कि राज्य में उत्पादित सुगंधित चावल की किस्मों की कई शहरों में काफी मांग है। कृषि ओडिशा-2025 के दूसरे दिन ‘सुगंधित चावल: जैविक खेती के तरीके और विपणन’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए सिंह देव ने कहा कि जैविक खेती ही स्थायी खाद्य आपूर्ति श्रृंखला की जरूरतों को पूरा कर सकती है।
उन्होंने कहा, “इसके लिए राज्य सरकार state government विभिन्न स्तरों पर किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सक्रिय निर्णय ले रही है।” उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ महिलाएं विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल रही हैं और उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं। कृषि एवं किसान सशक्तिकरण के प्रधान सचिव अरबिंद पाढ़ी ने बताया कि राज्य में सुगंधित चावल के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और 4,100 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरी श्रीमंदिर में भगवान जगन्नाथ के लिए अबधा तैयार करने में जैविक तरीकों से उगाए गए चावल का उपयोग करने की योजना पर काम चल रहा है।
राज्य से सुगंधित चावल के निर्यात के लिए कनक बायोसाइंस रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, स्मार्ट कॉफी और इम्पैक्ट एक्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रमुख किसानों को सम्मानित किया गया। मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मलिक और ओयूएटी के कुलपति प्रोफेसर पर्वत कुमार राउल ने भी बात की।