राज्यभर में भीषण गर्मी! राउरकेला में सूख गई शंख नदी की धारा

राज्यभर में भीषण गर्मी

Update: 2022-05-12 04:58 GMT
राउरकेला : राज्यभर में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस भीषण गर्मी के प्रकोप से नदी नाले सूख रहे हैं। इसका प्रभाव सुंदरगढ़ जिले में भी देखने को मिल रहा है। राउरकेला समेत कुतरा व कुआरमुंडा ब्लाक के लोगों की जीवनधारा मानी जानी वाली शंख नदी की धारा सूख चुकी है। जिससे इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों के मुताबिक 33 साल का रिकार्ड यहां टूटा है। वहीं शंख नदी के किनारे बसे गांव उडुरमा निवासी 62 वर्षीय फगुना एक्का ने बताया कि 33 वर्ष पहले ऐसा दृश्य देखा था। एक बार फिर वही दृश्य देखने को मिल रहा है। राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर नदी संरक्षण के सोचना चाहिए। शंख नदी पर ही मंदिरा डैम बना है जहां से राउरकेला इस्पात संयंत्र व शहर को पानी की आपूर्ति होती है। नदी के ऊपरी भाग तरकेरा, उडुरमा, साधुमुंडा, लक्ष्मीपोष, दलकी में शंख नदी की धारा नजर नहीं आ रही है। कोयल नदी पहले ही सूख चुकी है। यहां घोर जलसंकट का प्रभाव है। शीघ्र बारिश नहीं हुई तो यह और गहरा सकता है। :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: सेक्टर-20 में बनाया गया अस्थायी बालू बांध राउरकेला शहर में कोयल नदी से झीरपानी पंप हाउस, सेक्टर-20 पंप हाउस, पानपोष पंप हाउस एवं तरकेरा पंप हाउस से पानी मिलता है। कोयल नदी की धार सूखने के कारण सेक्टर-20 में अस्थायी बालू बांध बनाया गया है और यहां के पानी से किसी तरह पंप हाउस को चलाया जा रहा है। इस्पात संयंत्र के क्वार्टरों में पानी की सप्लाई हो रही है। झीरपानी में भी पोकलेन से गड्ढा खोद कर किसी तरह पंप हाउस के पास पानी जमा किया जा रहा है और वहीं से एनआइटी, जगदा व झीरपानी के लिए पानी जा रहा है। कोयल व शंख नदी वेदव्यास में मिलकर ब्राह्मणी नदी का उद्गम होता है। ::::::::::::::::::::::::::::::::::: पानपोष में चेक डैम के कारण पानी होता है संग्रह ब्राह्मणी नदी पर पानपोष पंप हाउस से रेलवे का पंप हाउस है जहां से रेलवे कालोनी व रेलवे क्षेत्र में पानी जा रहा है। वहीं पानपोष स्थित पीएचईडी के पंप हाउस से नगर निगम क्षेत्र में पानी की आपूर्ति हो रही है। तरकेरा पंप हाउस से राउरकेला इस्पात संयंत्र के साथ ही सेक्टर क्षेत्र के लिए पानी भेजा जा रहा है। यहां चेक डैम होने के कारण पानी संग्रह हो रहा है। इसका स्रोत शंख नदी पर बना मंदिरा डैम ही है। मंदिरा डैम में जमा पानी संयंत्र व सेक्टर इलाके के लिए जरूरत के अनुसार छोड़ा जा रहा है। शंख नदी सूखने के कारण डैम का पानी भी कम हो रहा है।
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