मिजोरम : विस्थापित रियांग जनजाति समुदाय को त्रिपुरा ने आश्रय दिया, मुख्यमंत्री माणिक शाहा ने दी जानकारी

विस्थापित रियांग जनजाति समुदाय को त्रिपुरा ने आश्रय

Update: 2022-08-15 10:11 GMT

मिजोरम से विस्थापित रियांग जनजाति समुदाय को त्रिपुरा ने आश्रय दिया है। मुख्यमंत्री माणिक शाहा ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आर्थिक तौर पर 37,136 रियांग आदिवासियों को बसाया है। इसके लिए केंद्र ने 600 करोड़ रुपये का पैकेज आवंटित किया है। रियांग समुदाय के महिलाओं और बच्चों को त्रिपुरा में रहने के लिए जगह मुहैया कराई गई है। साल 1997 में हुए जनजातिय तनाव के कारण ये सभी अपने राज्य से भागकर त्रिपुरा पहुंचे।

बता दें कि ब्रू समुदाय पूर्वोत्तर भारत में त्रिपुरा, मिजोरम और बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाला एक जनजातीय समूह है। इस समुदाय के लोगों की भाषा ब्रू है। त्रिपुरा में इस समुदाय को एक अलग जाति समूह रियांग तथा मिजोरम में अनुसूचित जनजाति का एक समूह माना जाता है।
असम राइफल्स ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा अगरतला (भारत)- अकाहुरा (बांग्लादेश) रेलवे लाइन का काम जारी है और भारत में इसका काम अगले साल के जून तक खत्म हो जाएगा। नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) अभी 967.5 करोड़ रुपये की लागत वाला 12.07 किमी लंबा रेलवे लाइन बिछा रहा है। उन्होने यह भी बताया कि दक्षिणी त्रिपुरा के सबरूम में विशेष आर्थिक क्षेत्र का भी गठन हो रहा है। चिट्टागोंग अंतरराष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह का इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाया जाएगा। यह बंदरगाइ सबरूम से केवल 72 किमी की दूरी पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे महिलाओं को सशक्त किया जा सकेगा।


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