मणिपुर : मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार को रविवार को झटका लगा। बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर में भाजपा नीत सरकार से संबंध तोड़ने के पार्टी के फैसले की सूचना दी है। मौजूदा स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह नीत मणिपुर सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है। ऐसे में मणिपुर सरकार से केपीए अपना समर्थन वापस लेता है। पूर्वोत्तर राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के दो विधायक हैं, जिनमें सैकुल से केएच हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग शामिल हैं। केपीए द्वारा समर्थन वापस लेने से बीरेन सिंह सरकार को कोई भी मुश्किल नहीं होने वाली है, क्योंकि विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि इसे एनपीएफ के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है।सहयोगी दल कुकी पीपुल्स अलायंस (KPA) ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया। राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर में भाजपा नीत सरकार से संबंध तोड़ने के पार्टी के फैसले की सूचना दी है। मौजूदा स्थिति पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श करने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह नीत मणिपुर सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का कोई मतलब नहीं रह गया है। ऐसे में मणिपुर सरकार से केपीए अपना समर्थन वापस लेता है। पूर्वोत्तर राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के दो विधायक हैं, जिनमें सैकुल से केएच हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग शामिल हैं। केपीए द्वारा समर्थन वापस लेने से बीरेन सिंह सरकार को कोई भी मुश्किल नहीं होने वाली है, क्योंकि विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि इसे एनपीएफ के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है।