कोरोना के बाद देश में एक और वायरस ने दस्तक दे दी है. दरअसल, मुंबई में एक व्यक्ति के जीवा वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद चिंता बढ़ गई है. जानकारी के मुताबिक, मुंबई के चंबूर के रहने वाले एक व्यक्ति में जीका वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है. हालांकि, इलाज के बाद फिलहाल वह स्वस्थ है, किन जीका वायरस की खबर से लोगों में चिंताएं बढ़ गई हैं. इस मामले के सामने आने बाद वायरस के अन्य पीड़ितों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. यही नहीं जीका वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए अन्य राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है.
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कैसे होते हैं जीका वायरस से पीड़ित के लक्षण
बता दें कि जीका वायरस रोग को गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन इससे मरीज को परेशानी जरूर होती है. जीका वायरस के लक्षणों में बुखार होने के अलावा त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना, सिर दर्द के साथ आंखों में सूजन और आखें लाल होना शामिल है. इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर मरीज दवाइयों से ठीक हो जाते हैं. ना ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि जीका वायरस से पीड़ित शख्स को ठीक होने में कई बार एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है. इस वायरस की सबसे अलग बात ये है कि इस बीमारी के 80 प्रतिशत मरीजों में कोई लक्षण नहीं नजर आते. जबकि अन्य संक्रमितों में बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, लाल आंखें, उल्टी, शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
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कैसे फैलता है जीका वायरस
बता दें कि जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है. जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. एडीज मच्छर के काटने से जीका वायरस इंसान के शरीर के अंदर पहुंच जाता है. ये वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में रीसस मकाक बंदर में पाया गया था. इसके बाद 1950 के दशक में अन्य अफ्रीकी देशों में इस वायरस के इंसानों में संक्रमण के मामले मिले. बता दें कि जिन मच्छरों के काटने से ये वायरस फैलता है वह मच्छर यानी एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं. गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस के संक्रमण से गर्म में पल रहे बच्चे में जन्मजात विकृतियों के साथ-साथ समय से पहले जन्म और गर्भपात भी हो सकता है. जीका वायरस संक्रमण वयस्कों और बच्चों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस से संबंधित है.