महाराष्ट्र को कोर्ट ने दिया आदेश, बोले- मुंबई पुलिस को सौंपे देवेंद्र फडणवीस के द्वारा दिए दस्तावेज
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सीनियर आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बाहर कैसे आया?
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सीनियर आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित गोपनीय दस्तावेज बाहर कैसे आया? यह दस्तावेज और फोन रिकॉर्डिंग राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के पास कैसे गया? इसकी जांच मुंबई पुलिस पुलिस कर रही है. कोर्ट ने आज मुंबई पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केंद्रीय गृह विभाग (MHA) को मामले से जुड़े दस्तावेज और 6 जीबी की पेन ड्राइव 10 दिनों में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की साइबर सेल को देने को कहा.
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मुंबई और दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर भ्रष्टाचार हो रहा है. फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ दस्तावेज दिखाए थे और एक पेन ड्राइव भी दिखाई थी, तब उन्होंने कहा था कि इस पेन ड्राइव में सारे कथित कॉल रिकॉर्डिंग्स हैं, जिससे पता चलता है कि कैसे ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार (Corruption in Transfer-Posting) चल रहा है.
फडणवीस ने MHA को जांच के लिए दिए दस्तावेज
फडणवीस ने बताया था कि पेन ड्राइव में जो कॉल रिकॉर्डिंग और दस्तावेज हैं, वो एसआईडी (SID) ने तैयार किया है. इसके बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इस वजह से वो इन दस्तावेजों को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) को जांच के लिए दे रहे हैं.
मामले में MVA सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
इस मामले के बाद महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार ने जांच के आदेश दिए कि इस तरह से गोपनीय दस्तावेज SID के दफ्तर से कैसे किसी और के पास जा सकता है. इसके बाद से ही मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान मुंबई साइबर सेल ने रश्मि शुक्ला का भी बयान दर्ज किया, क्योंकि जिस समय ये डॉक्यूमेंट बनाए गए थे उस समय शुक्ला SID की चीफ थीं.
फडणवीस को पूछताछ के लिए बुलाया, नहीं आएं
मामले में मुंबई साइबर सेल ने देवेंद्र फडणवीस को 4 बार पूछताछ के लिए बुलाया, पर वो नहीं आएं, बल्कि समय की मांग की. मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उस पेन ड्राइव और डॉक्यूमेंट की मांग की थी, जो कि फडणवीस ने गृह मंत्रालय को सौंप दिए थे, पर जब साइबर सेल को केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई मदद नहीं मिली, तो उसके बाद साइबर सेल ने कोर्ट का रुख किया.
दस्तावेजों को 10 दिनों में साइबर सेल को सौंपे- कोर्ट
कोर्ट में साइबर सेल ने कहा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय से वो दस्तावेज चाहिए, ताकि वो अपनी जांच को आगे बढ़ा सकें. मामले की सुनवाई करते समय कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन दस्तावेजों और 6 GB की पेन ड्राइव साइबर सेल को देने का निर्देश दिया है. कहा है कि इन दस्तावेजों को 10 दिनों में साइबर सेल को सौंप दें.
MVA से जुड़े लोगों ने दस्तावेज लीक किया- फडणवीस
वहीं, इस विषय पर बीते दिन यानी सोमवार को देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि विरोधी पक्ष का नेता होने के नाते उनके पास जो जानकारी मिली, उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को जांच के लिए दी. ये भी कहा कि उन गोपनीय चीजों को किसी और के हाथों में नहीं दिया, क्योंकि जो दस्तावेज लीक हुए वो महा विकास अघाड़ी (MVA) से जुड़े लोगों ने लीक किया था, जिसका सबूत वो दे सकते हैं.