रिफाइनरी परियोजना के दौरान ठाकरे ने शिंदे सरकार को दी चुनौती
जानें क्या कहा…
रत्नागिरी, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को बारसू पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ बातचीत की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि रत्नागिरी जिले के बारसू में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी को गुजरात ले जाया जाना चाहिए और पड़ोसी राज्य से अच्छी निवेश परियोजनाएं महाराष्ट्र में लाई जानी चाहिए। ठाकरे ने शिंदे सरकार को प्रदर्शनकारियों का सामना करने और परियोजना का समर्थन करने की चुनौती भी दी है।
ठाकरे ने लगाया आरोप
बता दें कि ठाकरे जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बारसु को रिफाइनरी परियोजना के लिए एक साइट के रूप में प्रस्तावित किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि बल्क ड्रग्स पार्क, वेदांता-फॉक्सकॉन और टाटा-एयरबस गुजरात चले गए हैं। मेरी राय है कि रिफाइनरी परियोजना को गुजरात ले जाएं और हमारी अच्छी परियोजनाओं को महाराष्ट्र में लाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो गैर-विवादास्पद है वह गुजरात के लिए है और जो विवादास्पद है वह कोंकण और महाराष्ट्र पर थोपा गया है।
भाजपा विधायकों ने निकाला मोर्चा
दूसरी ओर, भाजपा विधायक नितेश राणे, उनके भाई और पूर्व सांसद नीलेश राणे ने रिफाइनरी परियोजना के समर्थन में मोर्चा निकाला है। नीलेश राणे ने कहा कि ठाकरे, जब मुख्यमंत्री थे तब इस परियोजना का समर्थन किया था, लेकिन अब वह इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वह अब विपक्ष में हैं।
ठाकरे ने कहा कि वह ऐसी कोई भी विकास परियोजना नहीं आने देंगे जिससे लोगों के हितों को ठेस पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनमें प्रदर्शनकारियों का सामना करने की ईमानदारी है। साथ ही कहा कि सरकार को कोई भी परियोजना शुरू करने से पहले स्थानीय लोगों से बातचीत करनी चाहिए। स्थानीय लोगों का एक वर्ग इस आधार पर बारसु रिफाइनरी का विरोध कर रहा है कि यह तटीय कोंकण क्षेत्र की नाजुक जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगा।
ठाकरे ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो समृद्धि राजमार्ग के निर्माण के दौरान इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए थे। लेकिन हमने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की। हमने विकास को बाधित किए बिना एक रास्ता निकाला। इससे पहले, ठाकरे ने पहले बारसू-सोलगांव क्षेत्र में एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन इस रैली को अनुमति नहीं दी गई।
मिट्टी परीक्षण पर रोक
पिछले महीने बारसू में मिट्टी परीक्षण का काम शुरू होने के बाद विरोध शुरू हो गया था। महिलाओं सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिए जाने के बाद, शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने सरकार से ‘लोगों पर अत्याचार और मिट्टी का सर्वेक्षण बंद करने के लिए कहा था। विरोध के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले महीने कहा था कि बारसू में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों की सहमति के बिना लागू नहीं किया जाएगा।