जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्र, हार गयी संसाधनों की कमी

दो क्लास बरामदे में लगायी जाती

Update: 2022-05-20 12:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :पौआखाली स्कूल में कमरों की कमी का यह आलम है कि एक कमरे में दो कक्षाएं संचालित होती है. अब एक ही कमरे में दो शिक्षक जब पढ़ाते होंगे तब बच्चे कैसे पढ़ पायेंगे. वहीं दूसरे कक्ष में कुछ बच्चे बेंच पर तो कुछ जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करने को विवश हैं. इस विद्यालय में बच्चे समस्याओं के बीच शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं. इससे इनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है.ठाकुरगंज प्रखंड में पौआखाली मध्य विद्यालय का कार्यालय स्कूल की ही तरह काफी व्यवस्थित दिखता है. यहां एक ऐसी चीज दिखी जो अन्य स्कूलों में आमतौर पर नहीं दिखती. ठाकुरगंज प्रखंड में पौआखाली मध्य विद्यालय उन गिने चुने स्कूलों में है जहां शिक्षकों के फोटो लगाये गये हैं.इस विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई होती है. इसके लिए 14 कमरे है. लेकिन इसमें 2 कमरे टैग स्कूल को दिये जाने के कारण 12 कमरे बचे और स्कूल में 17 कक्षाएं चलती है. जिस कारण एक रूम में दो क्लास चलाने की बाध्यता है. वहीं दो क्लास बरामदे में लगायी जाती है.

प्रधानाचार्य निरोध सिन्हा कहते हैं कि विद्यालय के शिक्षकों का जुनून है कि जहां चाह, वहां राह की कहावत पर वे अपना कदम बढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षक पर्याप्त संख्या में पदस्थापित है. 1186 नामांकित छात्रों की पढ़ाई के लिए 24 शिक्षक पदस्थापित है. उन्होंने बताया कि अब तक जितने भी अधिकारी आये सभी ने कमरों की कमी को देखते हुए सहायता देने की बात की, लेकिन सरजमीन पर बातें लागू नहीं हुई.


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