नाशिक। देश में सड़क सुरक्षा का मुद्दा गंभीर बन गया है। बाइक सहित कार चालकों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाने से सड़क दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। नाशिक परिक्षेत्र में यह समस्या चिंताजनक है। अहमदनगर और धुलिया में सबसे अधिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस साल बगैर सीट बेल्ट वाले एक लाख कार चालकों से 2 करोड़ रुपए तो 57 हजार बाइक चालकों से बगैर हेल्मेट मामले में पौने तीन करोड़ रुपए का दंड वसूल किया गया है। यह प्रमाण 2022 के 8 माह में बढ़ा है। बगैर हेल्मेट बाइक चालकों की तुलना में बगैर सीट बेल्ट यात्रा करने वाले कार चालकों की संख्या 4 गुणा अधिक है। दिन-ब-दिन बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं से कार में सवार सभी यात्रियों को सीट बेल्ट पहनना बंधनकारक होने का निर्णय हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री ने घोषित किया है। एक ओर जहां उत्तर महाराष्ट्र में नियमों का उल्लंघन गंभीर मुद्दा बन गया है, वहीं दूसरी ओर पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावा साबित हो रही है।
अहमदनगर में इस साल 58 हजार कार चालकों से 1 करोड़ 11 लाख रुपए का दंड वसूला गया। धुलिया में 30 लाख और नाशिक ग्रामीण में 20 लाख चालकों पर कार्रवाई की गई। इसमें से आधे से अधिक वाहन चालकों ने अभी तक दंड की राशि नहीं अदा की है। इससे पता चलता है कि यातायात सुरक्षा के बारे में अनभिज्ञता और लापरवाही कितनी बढ़ गई है। नाशिक के 7 महामार्गों पर 527 व्यक्तियों ने सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवाई विशेष यह है कि पुलिस और राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जनजागृति करने के बाद भी यह आंकड़ा दिन-ब- दिन बढ़ रहा है। गंभीर बात यह है कि 2013 से 2019 के बीच नाशिक के 7 महामार्गों पर 527 व्यक्तियों ने सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवाई। वहीं 2019 से 2021 में 2 हजार 258 दुर्घटनाओं में 2 हजार 446 व्यक्तियों की मौत हुई। 2022 में अब तक नाशिक जिले में 100 से अधिक वाहन चालकों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। इसलिए अब वाहन चालकों को नियमों के तहत वाहन चलाने के लिए प्रशासन को ही सख्त भूमिका अपनानी होगी।