शिवसेना संकट: दिल्ली में जेपी नड्डा और मंत्री अमित शाह से मिले देवेंद्र फडणवीस

Update: 2022-06-29 08:16 GMT


नई दिल्ली. महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की. फडणवीस की भाजपा आलाकमान से यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में घिरी है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वे वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने करीब डेढ़ घंटे तक गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान वहां वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी मौजूद थे. कानूनी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री को सिलसिलेवार तरीके से यह बताया गया कि राज्य में राजनीतिक हालात को देखते हुए क्या-क्या कानूनी विकल्प हैं. इसके अलावा बागी विधायकों को मिले अयोग्यता नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई होनी है उस पर संबंधित पक्षों को क्या रुख लेना है… इस बात को लेकर भी गृहमंत्री के सामने चर्चा हुई.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह संग बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी 30 मिनट तक मुलाकात की. फडणवीस शाम 4.30 बजे पार्टी अध्यक्ष के घर पहुंचे, वहां वे 30 मिनट रहे और ठीक शाम 5 बजे नड्डा के घर से निकल गए.

शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय
ज्ञात हो कि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी की रणनीति 'स्थिति पर नजर रखने' की है. शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय देखे जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमवीए सरकार अल्पमत में आती है तो भाजपा, शिवसेना के बागियों के साथ सरकार बना सकती है. फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की एक बैठक भी की थी.

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा जल्दबाजी में नहीं
शिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये. भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था.


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