शिंदे सरकार ने हटाए धार्मिक पर्वों पर लगे प्रतिबंध, अब पहले की तरह महाराष्ट्र में धूमधाम से मनेगी गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान त्योहारों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और आगामी गणेश चतुर्थी, दही हांडी और अन्य धार्मिक पर्वों पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान त्योहारों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और आगामी गणेश चतुर्थी, दही हांडी और अन्य धार्मिक पर्वों पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि मुहर्रम के जुलूसों पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी। मार्च 2020 में महामारी के प्रसार के बाद, उद्धव ठाकरे नीत तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार ने त्योहारों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे जिसमें गणेशोत्सव के दौरान जुलूस निकालने पर पाबंदी शामिल थी।
घर और सार्वजनिक पूजा मंडलों द्वारा स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश की मूर्ति की ऊंचाई भी सीमित कर दी गई थी। इन प्रतिबंधों के कारण गत दो वर्षों के दौरान कई धार्मिक त्यौहार साधारण तरीके से मनाए गए। शिंदे ने कहा, महामारी के दौरान धार्मिक पर्वों पर लगाए गए सभी प्रकार के प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। लोगों को सकारात्मकता से इन त्योहारों को मनाना चाहिए।
महामारी की वजह से लगा था प्रतिबंध
बता दें कि साल 2020 में कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए थे। 2021 में भी कोरोना महामारी पर चरम पर थी इसलिए उस समय भी गणेश चतुर्थी जैसे धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, कोरोना महामारी का खतरा अभी तक टला नहीं है। महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य रहा है जो कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है।
राज्य में मिले 2289 नए केस
महाराष्ट्र में गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 2,289 और मरीजों की पुष्टि हुई तथा छह संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कुल मामले 80,27,395 हो गए हैं जबकि वायरस के कारण अबतक 1,48,045 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या अब 14,519 हो गई है जिनमें से 5,125 मरीज पुणे में, 1937 मुंबई में और 1384 संक्रमित नागपुर में अपना इलाज करा रहे हैं। महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड के 2,325 मामले मिले थे और सात लोगों की मौत हुई।