रेलवे सुरक्षा बल ने फिर किया सराहनीय काम, घर से भागे बच्चो को मिलाये परिजनों से
महाराष्ट्र : नागपुर रेलवे सुरक्षा बल ने घर से भागे बच्चों को उनके परिजनों को फिर से मिलाने का सराहनीय काम किया है. आरपीएफ के अनुसार अब तक 43 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया है. ' ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते ' मुहीम के द्वारा नागपुर मंडल ने जनवरी 2024 से लेकर अप्रैल तक 43 बच्चों को बचाया है. नागपुर रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे की संपत्ति , यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई है.
आरपीएफ के अनुसार "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 के दौरान मध्य रेलवे के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों के साथ समन्वय में 43 बच्चों को बचाया गया है. इसमें चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता से दोबारा मिलने वाले लड़के और लड़कियां शामिल हैं.
बता दें की जो बच्चे किसी झगड़े या अन्य कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर की चकाचौंध की तलाश में अपने परिवार को बताएं बिना रेलवे स्टेशनों पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढा जाता है. ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता से दोबारा मिलने के लिए सलाह देते हैं. कई माता-पिता रेलवे की इस सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता भी व्यक्त करते है.