ठाकरे की सेना पर अब लाल रंग की झालर

Update: 2022-10-13 15:36 GMT
 मुंबई। हिंदुत्व की ताकत रखने वाली शिवसेना (Shiv Sena) को हिंदुत्व के मुद्दे से दूर रखने के लिए व्यापक षड्यंत्र हिंदुत्व विरोधी राजनीतिक नेताओं ने रचा है। कम्युनिस्टों द्वारा दिया गया समर्थन इसी षड्यंत्र का एक भाग है, अब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना इसी षड्यंत्र में पूरी तरह से फंस गई है। शिवसेना का भगवा रंग अब लाल हो गया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि अगर कल उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना 'एमआईएम' का समर्थन लेती है तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, उपाध्ये ने कहा कि मुंबई में कम्युनिस्ट नेता विधायक कृष्णा देसाई की नृशंस हत्या होने के बाद ही शिवसेना ने मुंबई में अपने पैर पसारे थे। यह समय का दुष्चक्र ही है कि कम्युनिस्टों के प्रभाव को समाप्त करने वाली शिवसेना को अब कम्युनिस्टों का समर्थन लेने का समय आ गया है। राजनीतिक पार्टियों को चुनौती देने वाली शिवसेना के पास हिंदुत्व के विचार की शक्ति थी, इस शक्ति को नष्ट करने का व्यापक षड्यंत्र विरोधियों ने रचा। इसी के एक भाग के तौर पर पहले उद्धव ठाकरे का बखान किया गया। फिर उन्हें समर्थन देकर हिंदुत्व से दूर किया गया। अब ठाकरे की शिवसेना का इस षड्यंत्र में पूरी तरह से फंसे होना स्पष्ट होने पर इस षड्यंत्र के अगले अंक में उद्धव ठाकरे को सहानुभूति दिखाने का दिखावा शुरू है। अब ठाकरे की शिवसेना को इसमे पूरी तरह से फंसे होना ध्यान में आने पर पीछे हटने का प्रयास भी हुआ, लेकिन इसमें सफलता न मिलने पर हिंदुत्व विरोधी दलों का समर्थन हासिल करने की भागदौड़ शुरू है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हिंदुत्व छोड़ने पर शिवसेना का भगवा रंग समाप्त हो गया और जिन्होंने समर्थन दिया उनके रंग को शिवसेना ने दिखाया। संभाजी बिग्रेड के साथ जाने पर सावरकर पर बोलना बंद हो गया। उपाध्ये ने कहा कि, अब तो हिंदुत्व की बात न करने की शर्त पर ही कम्युनिस्टों ने समर्थन दिया है और हम जानते हैं कि शर्त मान ली गई है। उन्होंने कहा कि, मित्र कहने वाले इन सहानुभूति दिखाने वाली पार्टियों ने ठाकरे के पंख को इतना छांट दिया है कि उनकी वापसी के सारे मार्ग बंद हो गए हैं।

 Source : Hamara Mahanagar

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