मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नरेश गोयल को 11 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया
मुंबई (आईएएनएस)। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को शनिवार को 538 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी और मनी-लॉन्ड्रिंग के मामले में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने 11 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
शुक्रवार देर रात घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किए गए नरेश गोयल पर कथित तौर पर अपने निजी ऋण और कमीशन को चुकाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (केनरा बैंक) के लोन से लगभग 9.50 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है।
नरेश गोयल (74) को शनिवार दोपहर विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया। ईडी ने अदालत में कहा कि उनकी बेटी नम्रता गोयल के प्रोडक्शन हाउस को भी वेतन और अन्य प्रतिबद्धताओं के भुगतान के लिए जेट एयरवेज के खातों से पैसे मिले थे।
इससे पहले शुक्रवार को ईडी ने नरेश गोयल के घर पर छापा मारा था। उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और देर रात 2011 और 2019 के बीच 538 करोड़ के केनरा बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़े कथित मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया।
मनी-लॉन्ड्रिंग का मामला केनरा बैंक के साथ कथित धोखाधड़ी के संबंध में नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और अन्य के खिलाफ दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर से सामने आया है।
केनरा बैंक ने शिकायत दी थी कि उसने नरेश गोयल की जेट एयरवेज को 849 करोड़ रुपये का ऋण और क्रेडिट सीमा दी थी, जिसमें से 538 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था। इसे जुलाई 2021 में धोखाधड़ी घोषित कर दिया गया था।
जांच से यह भी पता चला कि नरेश गोयल परिवार के निजी और व्यक्तिगत खर्चों और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान एयरलाइन खातों से किया गया था। जेट एयरवेज लिमिटेड ने ऋण, अग्रिम और निवेश की जेट लाइट के माध्यम से हेराफेरी की थी।
ईडी ने नरेश गोयल से विदेश में उनकी कंपनियों के बारे में पूछताछ करने की योजना बनाई है, जहां कथित तौर पर धन हस्तांतरित किया गया था। इसके अलावा विदेशी स्थानों पर उनकी अन्य संपत्तियों और निवेशों का विवरण भी प्राप्त किया जाएगा।
बता दें कि एक समय जेट एयरवेज ने लगभग 25 वर्षों तक आसमान पर राज किया था। लेकिन, जेट एयरवेज वित्तीय समस्याओं और भारी घाटे के कारण अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी।