नारकोटिक्स सेल ने ड्रग्स के काले कारोबार के कोड को डिकोड कर लिया है

Update: 2022-09-01 09:11 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक ड्रग माफिया को जड़ से उखाड़ फेंकने में लगी मुंबई नारकोटिक्स सेल ने ड्रग्स के काले कारोबार के कोड को डिकोड कर लिया है, जो इन ड्रग्स माफियां के लिए कवच काम करती थी. ऐसे ही एक कोड को डिकोड कर नारकोटिक्स सेल ने गुजरात और महाराष्ट्र में ढाई हजार करोड़ की ड्रग्स फैक्ट्री भंडाफोड़ किया था. तब से लेकर अब तक मुंबई पुलिस ने कई सारे ड्रग्स के कोड्स को डिकोड किये हैं, जिसकी वजह से हजारों करोड़ के ड्रग्स अब तक बरामद हो चुके हैं.

अंकलेश्वर में मिला ड्रग्स का गोडाउन

कुछ दिन पहले ही मुंबई नारकोटिक्स सेल ने गुजरात के अंकलेश्वर ड्रग्स का गोडाउन ढूंढ निकाला था. इस फैक्ट्री तक पहुंचने से पहले नारकॉटिक्स सेल को उस कोड को समझना था जिसको डिकोड करने के बाद इस पूरे मिशन को अंजाम दिया गया. नारकॉटिक्स के माफिओं के खुफिया कोड वर्ड्स जबसे पुलिस ने डिकोड कर लिया है, तब से लेकर अब तक करीब 1200 किलो ड्रग्स पकड़ा जा चुका है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 हज़ार 500 करोड़ की बताई जाती है. लेकिन पुलिस के लिए ड्रग माफिया के इन कोड को डिकोड करना भी एक बड़ी चुनौती थी.

ड्रग्स माफिया के कोड हुए डिकोड

पिछले साल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब बॉलीवुड और ड्रग्स माफिया के बीच सांठ-गांठ को उजागर किया था, तब दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, रकुलप्रीत समेत बॉलीवुड के कई बड़े सितारों का नाम सामने आया था. जिनसे एसीबी के अधिकारियों ने पूछताछ भी की थी. उसी दौरान ड्रग माफिया के कई कोड भी जांच एजेंसियों ने डिकोड कर दिए थे. जिसके बाद इस धंदे में पुलिस से बचने के लिए माफिया द्वारा सारे कोड बदल दिए गए. अब आपको हम बताते हैं कि ड्रग्स के नए कोड वर्ड्स क्या हैं?

पहले ड्रग्स के नाम बॉलीवुड और क्रिकेट जगत के सितारों के नाम से रखा गया था. लेकिन अब सभी नाम बदल दिए गए हैं.

ड्रग्स माफिया ने सबसे चर्चित ड्रग मेफेड्रोन का नाम बदलकर स्पेशल डायमंड कर दिया है जिसे वाइट गोल्ड भी कहा जाता है. इसके पहले मेफेड्रोन को 'मस्तानी' कहा जाता था.

कोकीन ड्रग्स का नया कोड नाम चार्ली है जब कि पहले ड्रग्स की दुनिया में इस ड्रग्स को 'दीवानी' कहा जाता था.

इसी तरह हेरोइन का नया नाम भी वाइट हॉर्स कर दिया गया है जब कि इस ड्रग को पहले बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका के नाम से जाना जाता था.

वहीं एमडीएमए ड्रग का पुराना नाम कैटरीना था, जिसका नया कोड वर्ड डिस्को बिस्किट रख दिया गया है.

केटामाइन का भी पुराना नाम अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के नाम पर था, जिसे अब आलिया नाम से पुकारा जाता है.

इसके अलावा एलएसडी का पुराना कोड सोनाक्षी सिन्हा था, जिसे अब ब्लू हेवन कर दिया गया है.

कुछ समय पहले तक विराट कोहली के नाम से जिस मॉर्फिन ड्रग्स को जाना जाता था, उसे बदलकर अब 'मंकी' नाम कर दिया गया है.

हमेशा बदलते रहते हैं कोड वर्ड्स

आपको बता दें कि समय समय पर ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े माफिया पुलिस और जांच एजेंसियों से बचने के लिए ड्रग्स के कोड नेम को बदलते रहते हैं लेकिन जांच एजेंसियों की एक टीम हमेशा ही इन कोड वर्ड्स को डिकोड करने में लगी रहती है. और इसी वजह से समय से समय पर ड्रग्स के बड़े consignments भी पकड़े जाते हैं. हालांकि की कई बार पुलिस द्वारा कोड वर्ड्स समझने में देरी के चलते ड्रग्स माफिया पुलिस की पकड़ में नही आते. ऐसे में कोड वर्ड्स को डिकोड करने की स्किल्स को और पुख्ता करने पर जांच एजेंसियां जोर दे रही है.

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