Nagpur: ढाबों, रेस्टोरेंट में परोसी जा रही शराब, 17 पर मामला दर्ज

Update: 2024-06-16 14:46 GMT
Nagpurनागपुर: नागपुर के ढाबो, सावजी और फैमली रेस्टोरेंट में गैर कानूनी तरीके से शराब परोसने वालों के खिलाफ पुलिस के साथ-साथ उत्पाद शुल्क विभाग ने जबरदस्त अभियान छेड़ दिया है। पिछले 5 दिनों में ही 17 संचालकों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। एक्साइज विभाग की 8 टीमें काम कर रही हैं और जिले के हर मार्ग में पहुंच रही हैं। इस कार्रवाई में कई बड़े नाम भी हैं, जहां पर लोग शराब का सेवन करते हुए पाये गए हैं। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग नागपुर द्वारा मुंबई दारूबंदी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
पकड़े गए संचालकों पर धारा 68 व 84 के तहत कार्रवाई की गई है। उत्पाद शुल्क अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक खामला, म्हालगीनगर, खामला चौक, खडगांव रोड, बूटीबोरी, भामटी, मानेवाड़ा चौक, बेसा रोड, गिट्टीखदान, वर्धा रोड, त्रिमूर्तिनगर, काटोल रोड क्षेत्र में चल रहे ढाबों, सावजी भोजनालय और फैमली restaurant  पर कार्रवाई हुई है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ जगह पर पाया गया कि बड़े घराने के लोग गैर कानूनी जगह पर शराब का सेवन कर रहे थे। ऐसे लोगों को हिदायत देकर छोड़ दिया गया है लेकिन दोबारा नियम का उल्लंघन करते हुए कोई पाया जाता है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि कई लोगों को नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद उन्हें अदालत में दंड भरना पड़ेगा।
पुलिस भी हुई सक्रिय
पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल के सक्रिय होने से पुलिस विभाग भी सक्रिय हो गई है। बेलतरोड़ी थाने की ओर से वर्धा रोड पर एक ही दिन में दर्जनों रेस्टोरेंट की जांच भी की गई है और उन्हें दंडित किया गया है। police की ओर से भी मामले दर्ज किए गए हैं। अलग-अलग चल रही कार्रवाई से ढाबा, रेस्टोरेंट संचालकों में हड़कंप मच गया है और अधिकांश जगह शराब पीने और पिलाने के लिए मनाही की जाने लगी है। उत्पाद शुल्क विभाग आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई को जारी रखने की मंशा जाहिर कर चुका है। विभाग ने तय किया है कि भविष्य में पुलिस और एक्साइज विभाग मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगा। प्रत्येक शुक्रवार से रविवार तक इन प्रतिष्ठानों की नियमित जांच होगी।
9 पब, लाउंज को नोटिस
बार नियम का उल्लंघन करने के आरोप में 9 पब, लाउंज को भी नोटिस जारी किया गया है और उन्हें कहा गया है कि परमिट रूम नियम के अनुसार कारोबार का संचालन किया जाए। अगर संचालक सुधार करते हैं तो ठीक नहीं तो इन पर जिलाधिकारी कार्रवाई करेंगे। License रद्द करने पर भी विचार किया जा सकता है।
Tags:    

Similar News

-->