Malegaon blast: NIA अदालत ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को 7 गवाहों से पूछताछ की अनुमति दी
Mumbai: मुंबई की एक विशेष अदालत ने सितंबर 2008 के मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को मामले में सात गवाहों से पूछताछ करने की अनुमति दी है।
16 साल पुराने मामले में छह अन्य लोगों के साथ मुकदमे का सामना कर रहे पुरोहित ने अभियोजन, अवैध गिरफ्तारी और हिरासत तथा महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को अपनी हिरासत सौंपने की मंजूरी के बिंदु पर नौ गवाहों से पूछताछ करने की अदालत से अनुमति मांगी थी। पुरोहित द्वारा उल्लेखित नौ गवाहों में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल है।
National Investigation Agency (NIA) ने सैन्य अधिकारी से पूछताछ पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा उनकी गवाही पहले ही दर्ज की जा चुकी है और उनसे लंबी जिरह की जा चुकी है।
मुंबई में NIA मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश ए के लाहोटी ने सोमवार को पारित आदेश में पुरोहित को सात गवाहों से पूछताछ करने की अनुमति दी। अदालत ने सैन्य अधिकारी का नाम हटा दिया क्योंकि अभियोजन पक्ष द्वारा उनसे पहले ही पूछताछ की जा चुकी है। एक अन्य गवाह का नाम इसलिए हटा दिया गया क्योंकि पुरोहित ने उसका पता नहीं दिया था।
मुकदमा अपने अंतिम चरण में है और विशेष अदालत दंड प्रक्रिया संहिता या सीआरपीसी की धारा 313 (आरोपी से पूछताछ करने की शक्ति से संबंधित) के तहत आरोपियों के अंतिम बयान दर्ज कर रही है।
29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण के फटने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। मामले की जांच एटीएस ने की थी और 2011 में इसे एनआईए को सौंप दिया गया था।
पुरोहित और भाजपा नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित 6 अन्य लोगों पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है।