मुंबई। राज्य के उच्च शिक्षा और तकनीकी मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने कहा कि मैं किसी से घबराने वाला व्यक्ति नहीं हूँ इस तरह का किसी पर काली स्याही फेंकना (throwing black ink) ठीक नहीं है.मेरे ऊपर स्याही फेंकने वाला आदमी भाड़े पर लाया गया था.बिना नाम लिए विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि मैं अपनी सुरक्षा कर्मी के बिना कार्यक्रम में जाने के लिए तैयार हूँ अगर हिम्मत है तो सामने आकर कोई मेरे ऊपर वार करें।शनिवार को पुणे के एक कार्यक्रम से निकलते वक्त मंत्री चंद्रकांत पाटिल के ऊपर एक व्यक्ति ने काली स्याही फेंक दी जिसके बाद उनके सुरक्षा में तैनात पुलिस सुरक्षाकर्मियों ने उस स्याही फेंकने वाले को गिरफ्त में ले लिया।स्याही फेंकने की घटना के बाद मंत्री चंद्रकांत पाटिल मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे.पाटिल ने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाला व्यक्ति डॉ बाबा साहेब आंबेडकर,सावित्री फुले और ज्योतिबा फुले के विचारधारा का समर्थक नहीं हो सकता उलटा वो इन महापुरुषों का अपमान किया है.पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में झुंडशाही शुरू है.जिसे राज्य सरकार सहन नहीं करेगी।अगर अपने कार्यकर्ताओं को हमने छूट दे दिया तो क्या होगा यह महाराष्ट्र को भी नहीं पता है.उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है किसी का अपमान करना।एक कामगार का बेटा इस पद पर पहुंचा है बहुत लोगों को यह बात राशि नहीं आ रही है.इसलिए मुझ पर इस तरह का हमला करवाया जा रहा है.
पुलिसकर्मियों खिलाफ कार्रवाई न करने का आव्हान
चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आव्हान करूंगा की पुलिस कर्मियों पर कोई कार्रवाई न करें क्योंकि कार्रवाई के बाद उनके परिवार को तकलीफ उठाना पड़ेगा जो ठीक नहीं है.कारण पुलिस किस -किस पर ध्यान देगी। मैंने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से भी कहा है कि किसी के खिलाफ कार्रवाई न करें। मैं सभी कार्यक्रमों में जाऊंगा। देखते हैं इसके सामने कौन क्या कर रहा है. यह भीड़ का शासन है, यह बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान है।
मंत्री चंद्रकांत पाटिल के ऊपर स्याही फेंकने पर बवाल
शनिवार को पुणे के पिंपरी - चिंचवाड़ में मोरया गोसावी संजीवन समाधी उत्सव कार्यक्रम में गए उच्च शिक्षा मंत्री मंत्री चंद्रकांत पाटिल जैसे कार्यक्रम से बाहर निकल रहे थे की एक व्यक्ति ने उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी। इसके बाद पुलिस ने स्याही फेंकने वालों को हिरासत में लिया। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मैं कार्यक्रम में जा रहा हूं। मैं सभी आयोजन में जाऊंगा । मैं किसी से नहीं डरता। किसी को इस तरह धमकाना गलत है, माफी मांगने के बाद भी उस पर कायराना हमला करना ठीक नहीं है पाटिल ने कहा कि यह भीड़ की सरकार है जो इस गुंडा राज को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस घटना को देखेंगे।
संस्कृति कलंकित करने वाली घटना : प्रवीण दरेकर
चंद्रकांत पाटिल पर फेंके गए स्याही का निषेध करते हुए भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र राज्य के एक अच्छे नेता के रूप में देखा जाता है। उन पर इस तरह से स्याही फेंकना महाराष्ट्र की संस्कृति को शोभा नहीं देता यह पुरे प्रदेश की छवि खराब करता है. ऐसी विकृत मानसिकता को जड़ से उखाड़कर कुचलने की जरूरत है। अभी तक चंद्रकांत पाताल ने अपने बयान के लिए तुरंत माफी मांग ली है। दरेकर ने कहा कि इस तरह की घटना संस्कृति को कलंकित कर रही है.
अपमान करने वालों को माफी मांगनी चाहिए: राम कदम
चंद्रकांत पाटिल के बयान को छेड़ा जा रहा है और लोगों को सुनाया जा रहा है। लोग भ्रमित हैं। चंद्रकांत पाटिल ने एक शब्द भी गलत नहीं बोला है। विरोधियों की वसूली का धंधा ठप हो गया है। इन सबकी हताशा और कायराना हमले में झलक रही है. भाजपा के कार्यकर्ता भलीभांति जानते हैं कि गालियां देने वालों के घर में कैसे घुसकर जवाब देना है. हम कानून को अपने हाथ में नहीं लेते हैं। भाजपा नेता राम कदम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अपमान करने वालों को चंद्रकांत पाताल से माफी मांगनी चाहिए।
स्याही फेंकना सही नहीं है: शंभूराज देसाई
उत्पादन शुल्क मंत्री शंभुराजे देसाई ने कहा कि पाटिल ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। जानबूझकर महापुरुषों का अपमान करना नेताओं का उद्देश्य नहीं है। लेकिन भाषण के दौरान बयान दिया जाता है, लेकिन जब गलती का अहसास होता है तो माफी मांगी जाती है. उसके बाद भी स्याही फेंकना उचित नहीं है। देसाई ने कहा कि माफी के बाद इस मुद्दे को बंद कर देना चाहिए था।
अजित पवार ने क्या कहा?
नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने कहा कि चंद्रकांत पाताल पर स्याही फेंके जाने की विस्तृत जानकारी लेने के बाद हम इस घटना पर प्रतिक्रिया देंगे.
शर्मसार करना अस्वीकार्य है-मनीषा कायंदे (प्रवक्ता उद्धव ठाकरे गुट
हम शिवसेना पार्टी के तौर पर इसका विरोध कर रहे हैं। पहले आपत्तिजनक बयान दिया और फिर माफी मांग ली। क्या किसी ने सब्सिडी पाने के लिए स्कूल शुरू किए हैं? उन्होंने एक सामाजिक उद्देश्य के रूप में विद्यालयों की शुरुआत की है। शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि चंद्रकांत पाताल को मेरी सलाह है कि अगर इस शब्द नहीं जानते हैं तो उन्हें इसे सीख लेना चाहिए. लेकिन स्याही फेकने की घटना की हम निंदा करते है.
स्याही फेंक निंदनीय : रोहित पवार
चंद्रकांत पाटिल का बयान सही नहीं था लेकिन इसके विरोध में उन पर स्याही फेंकना निंदनीय है। शिव-शाहू-फुले-आंबेडकर का अपमान आज नहीं बल्कि पहले होता आया है और इसका विरोध करना हमारी वैचारिक लड़ाई है.हमे इसे संवैधानिक तरीकों से लड़ा जाना चाहिए।
क्या था मामला
हाल ही में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विवादित बयान देते हुए कह दिया था कि सावित्री बाई फुले और ज्योतिबा फुले ने स्कुल चलाने के लिए उन्हें भीख मांगनी पड़ी थी[पाटिल एक इस बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें निशाने पर ले लिया था इसके बाद उन्होंने अपने बयान को लेकर सार्वजनिक माफ़ी मांग ली थी इसके बावजूद एक व्यक्ति ने उनके ऊपर काली स्याही फेंक दिया जिसे लेकर राज्य की सत्ता पक्ष और विपक्ष ने निषेध व्यक्त किया है.
Source : Hamara Mahanagar
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