महाराष्ट्र में लग सकती है शराब की होम डिलीवरी पर रोक, गृह विभाग ने आबकारी आयुक्त को लिखा पत्र
आज से तकरीबन 2 साल पहले जब देश में पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ था, तब सबकुछ बंद हो गया था.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज से तकरीबन 2 साल पहले जब देश में पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ था, तब सबकुछ बंद हो गया था. कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई तो गाइडलाइन्स के हिसाब से आहिस्ता-आहिस्ता सब खुलने लगा. देश के अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र सरकार ने भी राजस्व के नुकसान का हवाला देकर शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी. मगर शराब की दुकानों पर लोगों की इतनी भीड़ उमड़ी कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ गईं, जिसकी वजह से सरकार ने शराब की दुकानों को फिर से बंद करने का फैसला किया. साथ ही कुछ नई गाइडलाइन्स को लागू कर शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी, ताकि आर्थिक नुकसान भी न हो.
अब जब कोरोना के मामले बेहद कम सामने आ रहे हैं, तो महाराष्ट्र सरकार शराब की होम डिलीवरी को बंद करने की सोच रही है. राज्य के गृह विभाग ने इस बारे में महाराष्ट्र आबकारी आयुक्त को पत्र लिखा है कि अब शराब की होम डिलीवरी नहीं होगी. गृह विभाग का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था लागू की गई थी. इस समय कोरोना संबंधित गाइलाइंस को वापस ले लिया गया है, लिहाजा इस व्यवस्था को वापस लिया जाता है. पत्र में आबकारी विभाग से शराब इंडस्ट्री के सभी हितधारकों को सूचित करने के लिए कहा गया है.
गृह विभाग के पत्र से पता चलता है कि महाराष्ट्र सरकार अब शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाना चाहती है. वैसे होम डिलीवरी पर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. महामारी के दौरान लाखों लोगों ने घर से शराब का ऑर्डर देना शुरू कर दिया था. आबकारी सचिव वलसा नायर सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए होम डिलीवरी की अनुमति दी गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही शराब की होम डिलीवरीकरने या न करने के सभी पहलूओं पर विचार करने के बाद अंतिम फैसला लेगी.