Maharashtra महाराष्ट्र: पुणे में दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 59 लोगों में इस बीमारी का पता चला है। इनमें से 12 वेंटिलेटर पर हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने इसकी खबर दी है। पुणे के डिवीजनल कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने स्थिति की समीक्षा के लिए बुधवार को राज्य और नागरिक स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें अस्पतालों ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को जीबीएस के मामलों की सूचना दी। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अधिकारियों को प्रभावित व्यक्तियों का विस्तृत मेडिकल इतिहास लेने का निर्देश दिया गया है। जीबीएस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो शरीर की नसों पर हमला करने वाले एंटीबॉडी का उत्पादन करती है।
डॉ. पुलकुंडवार ने कहा, "यह या तो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी का परिणाम है। लेकिन इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है।" लोगों से पीने के लिए पानी उबालने और बासी या खुला खाना खाने से बचने का आग्रह किया गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 59 मरीजों में से 33 पुणे के ग्रामीण इलाकों से, 11 नगर निगम सीमा से और 12 पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम से हैं। तीन मरीज दूसरे जिलों से हैं। संक्रमितों में से ग्यारह 0-9 वर्ष के बच्चे हैं और 12 10-19 वर्ष के हैं। सात मरीज 20-29 वर्ष के हैं, जबकि आठ-आठ मरीज 30-39 और 40-49 वर्ष के हैं। पांच मरीज 50-59 वर्ष के हैं, सात मरीज 60-69 वर्ष के हैं और एक व्यक्ति 70-80 वर्ष का है। अब तक कुल संक्रमित 38 पुरुष और 21 महिला मरीज हैं। उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।