नितेश राणे पर FIR मामला: केंद्रीय मंत्री को बयान दर्ज कराने थाने में तलब करने पर भड़के देवेंद्र फडणवीस

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे व महाराष्ट्र के भाजपा विधायक नितेश राणे पर हत्या के प्रयास में एफआईआर दर्ज करने का मामला उलझता जा रहा है।

Update: 2021-12-31 01:40 GMT

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे व महाराष्ट्र के भाजपा विधायक नितेश राणे पर हत्या के प्रयास में एफआईआर दर्ज करने का मामला उलझता जा रहा है। गुरुवार को वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने सिंधुदुर्ग जिले की पुलिस द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बयान दर्ज कराने के लिए थाने में तलब किए जाने पर ऐतराज जताया और इसे कानून का उल्लंघन बताया। फडणवीस ने दावा किया कि पुलिस 65 साल से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति को बयान दर्ज कराने के लिए थाने आने को नहीं कह सकती है। जांचकर्ता को स्वयं ऐसे व्यक्ति के घर पर जाकर बयान दर्ज करना होता है। 69 वर्षीय राणे के बेटे नितेश राणे के खिलाफ संतोष परब पर हमले के आरोप में हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया गया है। नितेश राणे सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से विधायक हैं।

नितेश राणे को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से कोर्ट ने किया इनकार
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की एक सत्र अदालत ने गुरुवार को कथित तौर पर हत्या के प्रयास के एक मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उन्होंने संतोष परब (44) पर कथित हमले के सिलसिले में गिरफ्तारी से पहले जमानत की अर्जी दाखिल की थी। नितेश ने आवेदन में दावा किया कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि पुलिस ने यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत एकत्र किए हैं कि हमले के पीछे नितेश राणे थे। उन्होंने दावा किया कि हमले का उद्देश्य लोगों को आतंकित करना था। राणे के वकील एडवोकेट संग्राम देसाई ने आरोप लगाया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है ताकि वह जिला सहकारी बैंक के चुनाव में प्रचार न कर सकें।
राणे पेश नहीं हुए तो आवास पर नोटिस चस्पा किया
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिंधुदुर्ग पुलिस ने बुधवार को नारायण राणे को नोटिस जारी कहा था कि वह अपने विधायक पुत्र को इस मामले में पेश करें। पुलिस ने केंद्रीय मंत्री से भी कहा है कि वे इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कंकावली थाने में पेश हों, लेकिन वे तय समय पर पेश नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने राणे के आवास पर नोटिस चस्पा कर दिया।
फडणवीस ने कहा- नियमानुसार घर जाकर बयान दर्ज करे पुलिस
इस मामले में सोशल मीडिया पोस्ट में फडणवीस ने कहा, 'सिंधुदुर्ग पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नारायण राणे को एक नोटिस भेजा है। उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने में तलब किया गया है। लेकिन पुलिस जानबूझकर यह बात भूल गई कि वह 65 साल से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति को बयान दर्ज कराने के लिए थाने नहीं बुला सकती। पुलिस को संबंधित व्यक्ति के घर जाकर बयान दर्ज करना होता है।'
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व महाराष्ट्र विस में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस ने कानून का पालन नहीं करने की ठान ली है। उन्होंने पुलिस को चेताया कि वह अपने इरादे से बाज आए। फडणवीस ने कहा कि राणे को थाने बुलाना कानून का उल्लंघन है। यदि पुलिस नहीं मानी तो सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में केस किया जाएगा और जिला पुलिस के अधिकारियों को पार्टी बनाया जाएगा।
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