Covid-19 वैक्सीनेशन अभियान रात में चलाया गया माओवादी इलाकों में, ताकि कोई छूट न जाए
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के वन क्षेत्र के धनोरा में पेंड्री के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 14 किलोमीटर दूर मसंडी गांव की आदिवासी आबादी उस समय हैरान रह गई जब शाम को एक जिला परिषद की स्वास्थ्य टीम उन्हें टीकालगाने पहुंच गई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र (Maharashtra) के गढ़चिरौली (Gadchiroli) के वन क्षेत्र के धनोरा में पेंड्री के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से 14 किलोमीटर दूर मसंडी गांव (Masandi Village) की आदिवासी आबादी उस समय हैरान रह गई जब शाम को एक जिला परिषद की स्वास्थ्य टीम उन्हें टीकालगाने पहुंच गई. महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित यह गांव माओवादियों (Maoist) का जाना माना अड्डा है.
जिला कलेक्टर संजय मीणा और जिला परिषद सीईओ कुमार आशीर्वाद ने बताया कि कोरोना की इस जंग में कई तरह के उपायों में से एक माओवादी प्रभावित जिले में एक विशेष "रात्रि टीकाकरण" अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत स्वास्थ्य और राजस्व अधिकारियों की टीम ने मसंडी गांव के 67 लोगों को वैक्सीन लगाई. इस अभियान के तहत अब तक 124 दूरदराज के गांवों में 12,764 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. कुमार आशीर्वाद ने बताया कि 100 गांवों में किए गए सर्वेक्षण में वैक्सीन न लगाए जाने के कई कारणों की जानकारी मिली थी.
सर्वे में पता चला कि सुबह के समय ज्यादातर लोग खेतों में रहते हैं, जिसके कारण वह वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं आ पा रहे हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए इन गांवों में रात के समय टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है. रात में टीका अभियान केवल दूर-दराज के स्थानों में चलाया जाता है, न कि वडसा या अरमोरी शहरों में. आशीर्वाद ने कहा कि यह अभियान डोर-टू-डोर चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा, गांव में रहने वाले लोगों की दिन में आने वाली परेशानी को देखते हुए रात में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है. रात के समय बिना गाड़ियों के गांव पहुंचा काफी मुश्किल है लेकिन हमारी कोशिश है कि हर एक नागरिक को कोरोना टीका लगाया जाए.
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि रात के समय स्वास्थ्य टीम ने इंद्रावती नदी और करजेली नाले से होते हुए सिरोंचा तालुका में झिंगनूर पीएचसी से लगभग 25 से 30 किलोमीटर दूर कोपेला गांव में 148 लोगों को टीका लगाया है. आशीर्वाद ने बताया कि टीम ने भामरागढ़, कोरची, एटापल्ली और सिरोंचा जैसे इलाकों में रात के समय वैक्सीन लगाने में सफलता हासिल की है. जिला परिषद के सीईओ ने कहा, इस अभियान से लोगों को काफी मदद मिली है. गांव के लोग भी इस अभियान से काफी खुश हैं क्योंकि उन्हें शाम को उनके दरवाजे पर स्वास्थ्य लाभ मिला.