मुंबई. राज्य सरकार द्वारा मुंबई मनपा में पिछले तीन सालो के दरम्यान किए गए कामो की जांच कैग (कंट्रोल ऑफ ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) से कराने का निर्देश दिया था। कैग की टीम मंगलवार को मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) से मुलाकात की। मनपा आयुक्त ने सभी अधिकारियों की बैठक लेकर जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। मनपा में पिछले तीन साल के दौरान 12 हजार करोड़ के कामो में घोटाला होने का आरोप लगाया था और मनपा के कामो को कैग से जांच कराने का आदेश दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैग की टीम 16 नवंबर से पहले सभी कार्यों का ऑडिट पूरा करने के प्रति कृत संकल्पित है.
मनपा और राज्य में शिवसेना की सत्ता के दौरान भाजपा ने मनपा में बड़े पैमाने पर घोटाला होने का आरोप लगाया था जिसमे कोरोना काल में बिना टेंडर के किए गए कामो में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया था। जिसमे महापौर किशोरी पेड़ेकर सहित कई नेताओ पर कोरोना के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया था। राज्य में सरकार बदलने के बाद मनपा में हुए घोटालो की जाँच करने के लिए राज्य सरकार ने कैग को निर्देश दिया था। कैब अब अपनी जाँच शुरू कर दी है। कोरोना काल में हुए घोटाले की भाजपा सहित कई बार कांग्रेस भी जाँच करने की मांग कर चुकी है। मनपा स्थायी समिति में मंजूर किए गए कई प्रस्तावों पर राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी. महानगरपालिका प्रशासन और प्रशासक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. कैग की टीम मनपा में आने के बाद मनपा आयुक्त इकबाल सिंह से मुलाकात की इसके बाद टीम ने मनपा के ऑडिट डिपार्ट में जाकर कागजात को अपने कब्जे में लिया। कैग की टीम में 10 अधिकारी शामिल थे। कैग के अधिकारी अब मनपा के अस्पतालों सहित अस्पताल के अधीक्षक से पूरी जानकारी इकट्ठा करेंगे इसके बाद मनपा के सीपीडी विभाग जहा से पूरे मुंबई में मनपा के कामो का टेंडर कर मंजूरी दी जाती है इस विभाग की जाँच करेंगे।
मनपा आयुक्त ने सभी अधिकारियों को सूचित किया कि वे जांच में सहयोग करें. आयुक्त ने अस्पतालों के डीन और जंबो कोविड सेंटर के प्रमुख नोडल अधिकारी के साथ बैठक कर कैग की टीम को इस बैठक में पूरा सहयोग देने का आदेश दिया। मनपा अस्पताल, कोविड सेंटर एवं अन्य विभागों के नोडल अधिकारी जिस तारीख को ऑडिट किया जाना है, वह तारीख अधिकारी के पास तय की जानी है. कैग की टीम 16 दिसंबर से पहले ऑडिट पूरा कर लेगी. राज्य सरकार की ओर से सीएजी को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार 10 करोड़ रुपए तक की लागत वाले कार्यों का विशेष ऑडिट कराया जाएगा. इसमें प्रमुख रूप से कोरोना काल में विभिन्न मामलों पर 3538.73 करोड़ खर्च, मनपा द्वारा दहिसर में अजमेरा के एक प्लॉट की339.14 करोड़ में खरीद, चार पुलों के निर्माण पर खर्च किए गए 1496 करोड़ रुपए, कोरोना काल में तीन अस्पतालों द्वारा 904.84 करोड़ करोड़ की खरीद और शहर में 56 सड़क मरम्मत पर 2286.24 करोड़ खर्च के साथ कैग से सीवेज प्रोजेक्ट पर 1084.61 करोड़, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट पर 1020.48 करोड़ के खर्च आदि का ऑडिट करने का अनुरोध किया गया है. मनपा में भाजपा के पूर्व गुट नेता रहे प्रभाकर शिंदे ने कहा कि कोरोना की सच्चाई मुंबईकरों के सामने आनी चाहिए. कैग के इस जांच का स्वागत किया जाना चाहिए. इस जांच में मुंबईकरों को लूटने वाले निशाने पर हैं. भाजपा ने ढाई साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रही थी. 17 मार्च, 2020 को संकल्प द्वारा व्यय शक्तियां आयुक्त को प्रदान की गई. स्टैंडिंग कमेटी में कोविड के 2100 करोड़ के खर्च का प्रस्ताव रखा गया था. भाजपा ने उन प्रस्तावों को वापस भेजने की मांग की थी. स्थायी समिति और सदन को किए गए व्यय का विवरण नहीं दे पाई थी। सत्तारूढ़ शिवसेना ने प्रस्ताव को वापस भेजने के बजाय बहुमत से मंजूरी दे दी. हमारा मानना है कि इन प्रस्तावों की जांच होनी चाहिए और सच्चाई मुंबईकरों के सामने आनी चाहिए. मनपा विरोधी पक्ष नेता रहे रविराजा ने कैग की टीम मनपा में आने पर कहा कि टीम सिर्फ पिछले तीन सालो के काम की जाँच न करे पिछले 25 साल में मनपा के बड़े कामो खासकर बिल्डरों को बेची गई जमीन का भी जाँच कैग को करना चाहिए।Source : Hamara Mahanagar
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