Nagpur: श्रीसूर्या इन्वेस्टमेंट घोटाले में 38 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क

Update: 2024-06-05 16:53 GMT
Nagpur: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग घोटाले के सिलसिले में 38.33 करोड़ रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियां जब्त की हैं। ये संपत्तियां महाराष्ट्र और गोवा के कई हिस्सों में स्थित हैं। नागपुर, अमरावती, अकोला और मडगांव जिलों में स्थित ये संपत्तियां श्रीसूर्या निवेश घोटाले में शामिल आरोपी समीर जोशी और उसके Co-accused से जुड़ी हुई थीं। जांच एजेंसी ने इन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जब्त किया है।
नागपुर पुलिस द्वारा दर्ज की
गई एफआईआर से पता चला है कि जोशी ने हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) द्वारा प्रचारित एक योजना के माध्यम से भारी रिटर्न का वादा करके कथित तौर पर जनता को धोखा दिया।
ईडी के अनुसार, समीर ने झूठे Assurances के साथ जनता को लुभाने के बाद निवेशकों को ठगा और सार्वजनिक धन का इस्तेमाल अपने नाम, अपने परिवार के सदस्यों या व्यावसायिक संस्थाओं के नाम पर संपत्तियां हासिल करने के लिए किया। ईडी ने यह भी दावा किया कि जोशी ने योजना के लाभों के बारे में भ्रामक विज्ञापन दिए। कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दायर आरोपपत्रों के अनुसार, कुल 1,267 निवेशकों को 105.05 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। इसके अलावा, सेबी ने जोशी के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। श्रीसूर्या समूह ने कमीशन एजेंट नियुक्त किए थे, जिन्हें निवेशकों द्वारा किए गए निवेश पर 3-7 प्रतिशत कमीशन मिलता था। ये एजेंट नए और वास्तविक निवेशकों से अधिकतम निवेश जुटाने के लिए 'निवेशक सम्मेलन' आयोजित करते थे। आगे की जांच जारी है।

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