भोपाल न्यूज़: भारत की संस्कृति में संगीत का एक विशेष महत्व रहा है। वहीं शास्त्रीय संगीत जगत में वीणा सुर ध्वनियों के लिये भारतीय संगीत में प्रयुक्त सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र है। वीणा प्राचीन काल से ही भारतीय संगीत की धरोहर रही है। इस ही क्रम भोपाल में कबाड़ से 50 क्विंटल वजनी वीणा बनाई गई है। इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी वीणा है। कहा जा रहा है कि इस वीणा को बनाने में 12 से 15 लाख रुपये का खर्च आया है और निर्माण में 480 घंटे का समय लगा है।
कबाड़ से जुगाड़: कबाड़ से कंचन थीम पर पवन देश पांडे और देवेन्द्र शाक्य की टीम ने इसे तैयार किया है। कबाड़ से बनी इस वीणा की लंबी 28 फीट है और ऊंचाई 12 फीट है वही इस की चौड़ी 10 फीट है। इस वीणा को बनाने में कबाड़ का स्तेमाल किया गया है। जैसे चैन, गियर, बैयरिंग और वायर आदि इस वीणा को ऐसी जगह इंस्टॉल किया जाएगा जहां इस के सात सेल्फी ले सकें।
प्रतिदिन आठ घंटे इस पर किया काम: पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य ने बताया वीणा को बनाने में 10 कलाकार ने काम किया है। जिनमें सैयद फारुख, शानिली देशपांडे, गुलफाम कुरैशी, गजेन्द्र शाक्य, संतोष मुआसी, फैजान अंसारी, फरहान कुरैशी और अरविंद पिछले छह महीने से जुटे थे। इसके निर्माण की शुरुआत बीते दो महीने पहले की गई थी। साठ दिन में हर रोज लगभग आठ घंटे इस वीणा के निर्माण के लिए काम किया गया।पवन देशपांडे और देवेंद्र शाक्य के अनुसार उनका और उनकी टीम का यह पांचवा प्रोजेक्ट है। इससे पहले भी उनकी टीम कबाड़ से रेडियो, गिटार, रोजा भोज और कोरोना वैक्सीन बना चुकी है। यह सामग्री शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थापित है. अब उनकी टीम द्वारा भोपाल का यह पांचवां सबसे बड़ा प्रोजेक्ट वीणा के रूप में तैयार किया है।
50 क्विंटल लोहे से बनी है वीणा: इस वीणा को बनाने में 50 क्विंटल लोहा लगा है। जिनमें कबाड़ से चैन, गियर बॉक्स, बैयरिंग, वायर, लोहे की बड़ी चैन सहित अन्य सामान शामिल है। जबकि वीणा को खूबसूरती देने के लिए लगभग 20 लीटर कलर का उपयोग किया गया है। बता दें कि अयोध्या में बनी कांस्य की वीणा में लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च करने की बात सामने आई है, जबकि भोपाल बनी इस वीणा में 15 लाख रुपए खर्च आया है।