भोपाल | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इंदौर संभाग के कोर टीम सदस्यों को दिए गए 15 सूत्रीय फॉर्मूले पर जिलों में वर्किंग शुरू हो गई है। इसमें सबसे अधिक प्राथमिकता संवाद को लेकर है और इसलिए शाह ने कहा है कि जिले के अध्यक्ष और महामंत्री समेत पांच पदाधिकारी रोज पचास फोन बूथ अध्यक्षों और पदाधिकारियों को करेंगे और इसकी रिपोर्ट केंद्रीय संगठन तक पहुंचेगी।
ये जिनसे बात करेंगे उन्हें दस लोगों से बात करना होगी और जिससे बात की गई है, उसकी जानकारी भी संगठन तक पहुंचानी होगी। चुनाव में माइक्रोमैनेजमेंट वर्किंग के लिए शाह का यह फॉर्मूला अब इंदौर संभाग के 9 जिलों के अलावा सागर संभाग और रीवा व शहडोल संभाग के जिलों तक पहुंच गया है। इसके बाद जिला अध्यक्षों ने अपनी टीम को 15 सूत्रीय बिन्दुओं पर अमल कर रिपोर्ट भेजने के लिए भी ताकीद किया है।
बताया जाता है कि बूथों पर रोज 50 फोन और उसके बाद 10-10 फोन कराकर बीजेपी लोगों के मन में यह बात डालना चाहती है कि पार्टी जनकल्याण योजनाएं बनाकर लाभ देने के साथ सतत संवाद कर सुख-दुख में भी सहभागी बनी है। इसके साथ ही पार्टी के जिला अध्यक्षों, जिला संयोजकों, जिला प्रभारियों से यह भी कहा गया है कि वे हर बूथ में दीवार लेखन का काम कराएंगे। दीवार लेखन के अंतर्गत बूथ क्षेत्र में कम से कम पांच स्थानों पर दीवारों में भाजपा के निशान और योजनाओं के बारे में लिखा जाएगा ताकि बूथ के वोटर के दिलो दिमाग पर बीजेपी और उसका निशान ध्यान में बना रहे।
शक्ति केंद्र और बूथों तक होगी बैठक
इसमें यह भी तय किया गया है कि 15 सूत्रीय फार्मूला बूथ स्तर तक लागू करने के लिए पहले जिला स्तर पर बैठक की जाएगी। इसके बाद विधानसभा और मंडल स्तर पर बैठकें कर इस बारे में बताया जाएगा। फिर शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर बैठकें की जाएंगी जिसमें पन्ना प्रमुख शामिल रहेंगे। चूंकि समूचे फार्मूले में फोकस में बूथ स्तर है, इसलिए इसकी मानीटरिंग भी कराई जाएगी।