Halali Dam की नहरों में सिंचाई के लिए 5 नवंबर से छोड़ेंगे पानी पर नहरें तैयार नहीं

Update: 2024-10-26 10:42 GMT
Raisenरायसेन। जिले की बारना डैम बाड़ी, हलाली डैम, बनछोड़ डैम अमरावद डैम करमो दिया परसौरा तालाब माखनी डैम से कहीं 5 नवंबर तो कहीं 10 से 15 नवंबर तक नहरों में सिंचाई पलेवा के लिए पानी छोड़ा जाएगा।बारना नहर, हलाली डैम परियोजना पगनेश्वर बेतवा लघु उदवहन सिंचाई योजना ,मोघा डैम देवरी जल संसाधन विभाग रायसेन ने तैयारियों को लेकर कमर कस ली है।विभागों का मैदानी अमला मुश्तैद होने लगा है।
इनका कहना है....
सम्राट अशोक नहर परियोजना हलाली डैम की नहरों में 5 नवंबर से छोड़ा जाएगा पानी.....
आज ही संबधित इंजीनियर को बुलाकर पूरी जानकारी लेंगे। यदि निर्माण कार्य 5 नवंबर से पहले पूरा नहीं हो सकता तो निर्माण कार्य को रूकवाया जाएगा। नहर से पानी देने के कार्य को तय समय पर पूरा किया जाएगा।5 नवंबर से हलाली डैम की नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।किसान बिल्कुल चिंता ना करें। अरविंद दुबे, कलेक्टर रायसेन कहीं 5 तो कहीं 10 नवंबर से पानी छोड़ा जाएगा... तैयारियां पूरी
जल संसाधन विभाग रायसेन द्वारा डैमों से कहीं 5 नवंबर तो कहीं किसानों के लिए 10 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।नहरों की मरम्मत घास झाड़ियों की कटाई सफाई के आदेश जिम्मेदारों के दिए जा चुके हैं। प्रतिभा सिंह ईई जलसंसाधन विभाग रायसेन बोवनी के लिए खेत की तैयारी करने में जुटे किसान....
रबी फसल की बोवनी को लेकर किसान तैयारी में जुट गया है। जिला प्रशासन ने भी खेतों के पलेवा के लिए नहरों में हलाली डैम की नहरों में 5 नवंबर को पानी छोड़ने का निर्देश दे दिया है।लेकिन बांध से जुड़ी नहरें अभी तैयार नहीं हैं। नहरों में पुलिया बनाने के अधूरे निर्माण कार्य पानी छोड़े जाने की तय तारीख से पहले तैयार हो पाएंगे।यह संभव नहीं दिख रहा है। मालूम हो कि हलाली डैम की नहरों का पानी रायसेन विदिशा के खेतों में हरित क्रांति देता है।ऐसे में किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंच पाएगा, इसमें संदेह है। इन नहरों से 20 से 25 हजार हेक्टेयर रकबा वंचित हो सकता है।
सम्राट अशोक सागर हलाली परियोजना से जुड़ी नहरों की बुधवार को मीडियाकर्मियों की टीम ने पड़ताल की। विदिशा-बैरसिया मार्ग के चौड़ीकरण के तहत मार्ग को क्रॉस करने वाली तीन नहरों पर पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी पुलिया का निर्माण तय तारीख तक पूरा हो पाना संभव नहीं दिख रहा है।इसके अलावा सलामतपुर दीवानगंज साँची क्षेत्रों की नहरों को मरम्मत का इंतज़ार है।
एक आंशिक व दो नहर पूरी तरह बंद: हलाली परियोजना से जो पानी मुय नहर में छोड़ा जाता है, वह सहोदरा केनाल के साथ डी-2 व डी-3 के माध्यम से आगे बढ़ता है। इन नहरों से जुड़ी करीब 60 माइनर नहरों के जरिए किसानों के खेतों तक पानी पहुंचता है। विदिशा-बैरसिया मार्ग को क्रॉस करने वाले तीन नहरों में पहली नहर 3 किलोमीटर दूर ग्राम बागरी के पास पड़ती है। डी-3 नाम की इस नहर पर पुलिया निर्माण चल रहा है। जिसका अभी 30 से 40 फीसदी काम हो पाया है। इसके बाद करीब 4 किलोमीटर आगे डी-2 नहर की पुलिया निर्माणाधीन है। यहां पुलिया का 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।
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