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Update: 2022-07-03 16:33 GMT

भाेपाल। झारखंड पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से साेमवार काे ओडिशा तट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। उधर मानसून ट्रफ भी मध्य प्रदेश से हाेकर गुजर रही है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक मानसून के सक्रिय रहने से वर्षा का सिलसिला एक सप्ताह तक बना रहने के आसार हैं।

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इसी क्रम में साेमवार काे भाेपाल संभाग के जिलाें में तथा अनूपपुर, उमरिया, शहडाेल, जबलपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, कटनी, बैतूल, नर्मदापुरम, सागर, दमाेह, खंडवा, खरगाेन, शाजापुर, आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, रतलाम, देवास, अलीराजपुर, गुना, मंदसौर जिलाें में भारी वर्षा भी हाे सकती है।
उधर रविवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सागर में 67, खंडवा में 60, छिंदवाड़ा में 25, भाेपाल में 24.3, दमाेह में 22, मंडला में 20, मलाजखंड में 17, सिवनी में 10, रायसेन में नौ, रीवा में छह, धार में छह, खजुराहाे में तीन, जबलपुर में 2.1, नर्मदापुरम में एक, गुना में एक बैतूल में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुुई।
मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और मानसून ट्रफ के मप्र से गुजरने के कारण वर्षा की गतिविधियाें में तेजी आने लगी है। साेमवार काे कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद प्रदेश के अधिकतर जिलाें में वर्षा हाेने लगेगी। रुक–रुककर वर्षा का सिलसिला एक सप्ताह तक बना रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं–कहीं भारी वर्षा भी हाे सकती है।
ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान से लेकर पश्चिम-मध्य अरब सागर तक एक द्राेणिका समुद्र तल से 1.5 किमी व 5.8 किमी की ऊँचाई के मध्य गुजर रही है। मानसून ट्रफ अनूपगढ़ से लेकर ग्वालियर, सीधी, जमशेदपुर और दीघा से होते हुए पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। साथ ही झारखंड के ऊपर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से साेमवार काे ओडिशा–झारखंड के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
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