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Update: 2022-07-13 14:37 GMT

भाेपाल। अलग-अलग स्थानाें पर बनी तीन मौसम प्रणालियाें के असर से बंगाल की खाड़ी से बड़े पैमाने पर नमी आने का सिलसिला बना हुआ है, जिसके चलते मध्य प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी है। इसी क्रम में बुधवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 62, उज्जैन में 24, धार में 23, खरगाेन में 18, रतलाम में नौ, मंडला में छह, भाेपाल में 5.6, पचमढ़ी में तीन, मलाजखंड में तीन, इंदौर में 2.4 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक गुरुवार काे भाेपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडाेल, सागर, इंदौर, उज्जैन संभागाें के जिलाें में भारी वर्षा हाेने के आसार हैं।

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विशेषकर नर्मदापुरम संभाग के जिलाें में मौसम विज्ञान केंद्र ने बाढ़ की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट भी जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक जुलाई माह की शुरुआत से ही वर्षा हाेने का सिलसिला लगातार बना हुआ है, जिसके चलते बुधवार काे सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में करीब 11 इंच (278.1 मिलीमीटर) वर्षा हाे चुकी है, जाे सामान्य करीब साढ़े नौ इंच (250.1 मिमी.) की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। गुरुवार-शुक्रवार काे नर्मदापुरम संभाग के जिलाें में तथा छिंदवाड़ा, बुरहानपुर एवं खंडवा जिलाें में अतिवृष्टि हाेने की संभावना है।

ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण ओडिशा एवं उससे लगे आंध्रा तट पर एक अति कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसी मौसम प्रणाली के ऊपर 7.6 किलाेमीटर की ऊंचाई तक हवा का एक चक्रवात भी बना हुआ है। मानसून ट्रफ लगभग डेढ़ किलाेमीटर की ऊंचाई तक बीकानेर, काेटा, रायसेन, रायपुर से हाेते हुए ओडिशा के तट पर बने अति कम दबाव के क्षेत्र तक बनी हुई है। इसके अलावा पंजाब पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन तीन मौसम प्रणालियाें के सक्रिय रहने के कारण प्रदेश में वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। ओडिशा में बनी मौसम प्रणाली के आगे बढ़ने पर वर्षा की गतिविधियाें में और तेजी आने के आसार हैं।
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