Ujjain: भस्मारती में अवैध एंट्री दिलाने वाले घर से फरार, 14 आरोपियों पर FIR दर्ज
Ujjain उज्जैन: महाकाल मंदिर में हुए भ्रष्टाचार का मुख्य बिंदु है- एक ही स्थान पर कई सालों से जमे रहना और ड्यूटी में बदलाव नहीं होना. इस अवसर का लाभ उठाते हुए महाकाल मंदिर के कर्मचारियों ने भगवान को ही चूना लगाना शुरू कर दिया था. जिसका परिणाम आज सामने आ रहा है. वर्तमान में पकड़ा जाने वाला हर एक कर्मचारी लाखों रुपए का मालिक बना बैठा है, जो आय से अधिक अर्जन है.
बता दें कि दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं को धोखा देने वाले ठगों की फेहरिस्त दिनोंदिन लंबी ही होती जा रही है. बीते एक पखवाड़े में पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों पर नामजद प्रकरण दर्ज किया है. जिसमें आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ-साथ मंदिर में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं.
महाकाल थाना प्रभारी नरेन्द्र परिहार ने बताया कि अब तक 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इनमें से 10 की गिरफ्तारी हो चुकी है और इन्हें जेल भेज दिया गया है. शेष 4 आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है.
पुलिस भी इस बात को मान रही है कि ये लोग बहुत समय से मंदिर के कर्मचारी रहे हैं, तो उनके श्रद्धालुओं से व्यक्तिगत जान पहचान हो गई थी और उसी का फायदा उठाते हुए ये उनसे दर्शन के नाम पर पैसे ले लेते थे और वह पैसा मंदिर के खजाने में जमा नहीं करते थे.
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे ने पूछताछ में अपने चार साथियों के नाम का खुलासा किया है. राकेश और विनोद से मिली जानकारी व इनके बैंक खाते और इंटरनेट मीडिया अकांउट वॉट्सएप की जांच की गई. जिसके आधार पर मंदिर में भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा, प्रोटोकाल प्रभारी अभिषेक भार्गव, आईटी सेल प्रभारी राजकुमार, सभामंडप प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, आशीष शर्मा के नाम सामने आए.
इनके अलावा महाकाल मंदिर की सुरक्षा संभाल रही क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी जितेंद्र परमार और ओमप्रकाश माली को भी आरोपी बनाया गया है. जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने मीडियाकर्मी पंकज शर्मा, विजेन्द्र यादव, पूर्व नंदी हॉल प्रभारी उमेश पंड्या और क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी करण राजपूत के नाम बताते हुए ट्रेवल ऐजेंट, हारफूल वालों सहित कई अन्य नामों का खुलासा किया.
पुलिस के अनुसार, अब एक ऐसे व्यक्ति का नाम सामने आया है, जो पूर्व में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का सदस्य रह चुका है और ये नाम है दीपक मित्तल का. जी हां, जांच में दीपक मित्तल के बैंक खाते भी भ्रष्टाचार के सांठगांठ का विस्तृत लेखाजोखा बयां कर रहे हैं. हालांकि दीपक अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी को गिरफ्तार किया जाएगा और इनके खातों की भी जांच की जाएगी. पुलिस को अनुमान है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, अभी और कई नाम इसमें जुड़ेंगे.