जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मध्य प्रदेश के खंडवा को पॉवर हब के रूप में भी जाना जाता है। खंडवा में ताप विद्युत परियोजना के साथ ही जल विद्युत परियोजना के दो बड़े प्लांट मौजूद हैं लेकिन अब इन बिजली घरों में कोयले और पानी का संकट सामने आने लगा है। क्योंकि खंडवा के इंदिरा सागर बांध में बिजली बनाने के लिए सिर्फ तीन मीटर ही पानी बचा है। इतने पानी से लगभग 120 मिलियन यूनिट बिजली पावर हाउस में बनाई जा सकेगी।
यदि इंदिरा सागर पावर प्लांट की सभी यूनिट पूरी क्षमता से चलें तो पांच दिन में ही इतनी बिजली बनाई जा सकती है। इधर, सिंगाजी पावर प्लांट में भी सिर्फ ढाई दिन का कोयला बचा है। इस तरह पानी और कोयला के संकट के बीच स्थानीय स्तर पर अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है। बिजली कंपनी के अफसर इस कटौती को लोड शेडिंग बता रहे हैं। इंदिरा सागर बांध में समुद्र सतह से जलस्तर 249.75 मीटर है। पिछले साल इस समय तक जलस्तर 253.3 मीटर था। बिजली बनाने के लिए पिछली बार 246 मीटर तक पानी लेने पर खंडवा में जल संकट खड़ा हो गया था। इसलिए इस बार एनएचडीसी द्वारा 247 मीटर जलस्तर तक ही बिजली बनाई जाएगी। इस आधार पर बिजली बनाने के लिए 2.75 मीटर ही पानी बचा है।