इटारसी। बोरी रेंज के नाके पर एक आदिवासी और उसके रिश्तेदार से कथित मारपीट के विरोध में आदिवासी जनप्रतिनिधियों का दल केसला थाने पहुंच गया। सिर पर गंभीर चोट के बाद आदिवासी को उपचार के लिए इटारसी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आदिवासी से मारपीट की घटना कल सुबह करीब 11 से 12 बजे के बीच की है। आदिवासी नेता फागराम का कहना है कि इस तरह के अत्याचार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। यदि किसी की गलती है तो आप नियमानुसार कार्रवाई करें, रक्तपात सहन नहीं होगा। सुनवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन के लिए शासन-प्रशासन तैयार रहे।
यह है मामला
बताया जाता है कि बोरी रेंज में स्थित एकमात्र आदिवासी परिवार पूनिया सिंह काकोडिय़ा के यहां बारधा से रिश्तेदार आये थे। कल सुबह जब उनकी विदाई की गई तो मेजबान पूनम सिंह भी धांसई तक साथ आने को चल पड़े। जब वे वन नाके पर पहुंचे तो वहां मौजूद रेंज आफिसर विनोद वर्मा व अन्य ने उनसे पूछताछ की। आदिवासी ने बताया कि उसके रिश्तेदार हैं और आज लौट रहे हैं। इस पर रेंज आफिसर ने पूछा कि भीतर जाने की परमिशन कहां है। पूनम ने कहा कि हमारे यहां रिश्तेदार आते रहते हैं, कहां से परमिशन मिलेगी, कहां भटकेंगे। इसलिए परमिशन नहीं ली। इस बात पर विवाद बढ़ा तो वहां मौजूद बीट गार्ड ने आदिवासी के हाथ में रखा डंडा छीनकर उसके सिर में दे मारा। उसके यहां आये मेहमानों से भी मारपीट की गई।
आदिवासी हुए नाराज
घटना की जानकारी मिलने पर आदिवासी नाराज हो गये हैं। वे रेंज आफिसर विनोद वर्मा और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर केसला थाने पहुंचे। पुलिस ने घायल आदिवासी को मेडिकल के लिए सामुदायिक केन्द्र सुखतवा पहुंचाया था, जहां से सिर में चोट होने से इटारसी रेफर कर दिया। आदिवासी नेता अभी केसला थाने में कार्रवाई की मांग लेकर बैठे हैं और मामले में पुलिस कुछ लोगों के बयान दर्ज कर रही है। पूनम सिंह के रिश्तेदार भी बारधा से आ गये हैं, वे भी अपने साथ मारपीट की शिकायत दर्ज कराने केसला थाने पहुंचे हैं।
ये लोग पहुंचे थाने
केसला थाने में आदिवासी नेता फागराम, जनपद अध्यक्ष गंगाराम कलमे, जनपद सदस्य विजय कांवरे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य तारा बरकड़े, पूर्व सरपंच सम्मरसिंह इवने, रतिबंदर सरपंच लक्ष्मण भलावी, कोहदा सरपंच नेहरु, चारटेकरा सरपंच दुर्गेश धुर्वे पहुंचे तो घटना की जानकारी मिलने पर आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आकाश कुशराम एवं जनपद सदस्य, प्रभा गौरव सलाम आदि भी घायल बुजुर्ग को देखने पहुंचे।
रेंज आफिसर बोले, अलग रूप दे रहे
इस मामले में रेंज आफिसर विनोद वर्मा का कहना है कि घटना से अलग मामले को गलत रूप दिया जा रहा है। एक छोटा सा मामला था, जिसे आदिवासी नेता एकत्र होकर बड़ी घटना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि मैं अपने साथ एक महिला बीट गार्ड और एक ड्रायवर के साथ चूरना मीटिंग में जा रहा था। वहां एक मीटिंग थी, मानसून गश्ती के संंबंध में। रास्ते में हमें चूरना कोर ग्रुप में तीन लोग रोड किनारे जाते दिखे तो हमने गाड़ी रोककर उनको बुलाया। पूछताछ की पुनिया सिंह नामक आदिवासी ने बताया कि वह पोडार में रहता है, शेष दो बाहर के थे, उनके सवाल पर उनको रिश्तेदार बताया। हमने कहा कि बिना अनुमति आप यहां नहीं आ सकते हैं, आगे से ध्यान रखना।
समझाईश के दौरान ही पुनिया सिंह तैश में आ गया और बोला, आप हमको रोकने वाले कौन होते हो, उसने लाठी दिखाई। मैंने कहा कि अभी समझा रहा था, अब प्रकरण बनाऊंगा और ड्रायवर से कहा कि उनको पकड़ो और गाड़ी में बिठाओ, इतना सुनते ही तीनों भागे और आगे जाकर एक नाला कूदे तथा नाले में गिरे भी। दूसरी तरफ पहुंचकर हमारे ऊपर पत्थर बरसाये, एक पत्थर मेरे पैर में भी लगा है। मेरे पास संपूर्ण समझाईश का वीडियो भी है। ये भाग गये और हम मीटिंग में चूरना चले गये। सिर में चोट नाले में गिरने से लगी होगी। हम जब लौटे तो पता चला कि ये लोग हमारे खिलाफ एफआईआर कराने केसला थाने पहुंचे थे। मैंने भी प्रतिवेदन बनाकर दिया है कि मेरे पैर में चोट है, एमएलसी करायें और उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हो।
घटना को अलग रूप दिया जा रहा है। मैंने पुलिस थाने में प्रतिवेदन दिया है। मेरा मेडिकल करायें, और मेरी तरफ से उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए। वे कराएं मुझे एतराज नहीं, जांच के बाद और कोर्ट में सब साबित हो जाएगा।
विनोद वर्मा, रेंज आफिसर चूरना
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यदि आदिवासियों की कोई गलती थी तो नियम अनुसार प्रकरण बनाना चाहिए। इस तरह से मारपीट करना जो जानलेवा हो जाए, गलत है, हम ऐसी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
फागराम, आदिवासी नेता