Meghnagar : शाश्वत जैन तीर्थ श्री शत्रुंजय महातीर्थ की छत्र छाया में श्री सिद्धवड में जिनशासन का सबसे बड़ा उपधान तप त्रिस्तुतिक संघ के गच्छाधिपति, पुण्य सम्राट के पट्टधर श्रीमद विजय नित्यसेन सुरीश्वरजी महाराज साहब आदि शताधिक साधु साध्वी भगवंत की निश्रा में आयोजित हो रहा है। यह 45 दिवसीय जयन्तोत्सव आराधना आगामी 02 फरवरी को संपन्न होगी, जिसमे 1000 से अधिक आराधक अपने जीवन की पहली माला ग्रहण करेंगे। उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि, थराद निवासी श्रीमती दीवालीबेन लल्लूभाई दोशी परिवार द्वारा इस आराधना का संपूर्ण लाभ लिया गया है। इस आराधना में प्रथम वाले को 45 दिन, द्वितीय वाले को 35 दिन, और तृतीय वाले को 28 दिनों तक साधु जीवन की तरह अपनी जीवनचर्या को जीना होता है। इस आराधना में 500 बच्चे भी भाग लेकर अपना जीवन सफल बना रहे है।
वही तरुण परिषद के राहिल शाह ने बताया कि, इस उपधान आराधना में ही दादा गुरुदेव एवम् पुण्य सम्राट गुरुदेव के परिवार में 9 मुमुक्षु पूज्य गच्छाधिपति के वरद हस्त से 08वे आत्मोद्धार में रजोहरण ग्रहण कर संयम जीवन अंगीकार करेंगे। जिनमे बालमुमुक्षु ध्यान शैलेशभाई संघवी, मुमुक्षुबसंजयभाई वाघजीभाई बलु, मुमुक्षु निश्वाबेन अंकितभाई वोहेरा, मुमुक्षु ताश्वीबेन निकुंजभाई वोहेरा, मुमुक्षु खुशीबेन अतुलभाई मोरखिया, मुमुक्षु जुलीबेन सुरेशभाई मोरखिया, मुमुक्षु सिमोनीबेन जगदिशभाई दोशी, मुमुक्षु पलबेन समकितभाई दोशी और मुमुक्षु शिल्पाबेन संजयभाई बलु दिनांक 26 जनवरी को प्रातः शुभ मुहूर्त में भगवती दीक्षा ग्रहण करेंगे। पालीताना की इस पावन भूमि पर इस 08वे आत्मोद्धार का अनुपम लाभ भी दोशी परिवार ने लिया है। दोशी परिवार के शशिभाई और चिंतनभाई ने भारतभर के जैन अनुयाइयों से एक बार इस जयन्तोत्सव उपधान तप आराधकों के दर्शन हेतु पधारने का भी आग्रह किया है।