महाकालेश्वर के गर्भगृह दर्शन करने के लिए पंडों से लेनी होगी ₹1500 की रसीद, जानें नई व्यवस्था के बारे में सबकुछ

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास में देशभर के श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

Update: 2022-08-14 04:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास में देशभर के श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अधिक भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने श्रावण की शुरूआत होते ही 1500 रुपये की रसीद पर दो व्यक्तियों के गर्भगृह में जाने वाली व्यवस्था पर प्रतिबंध लगा दिया था। सावन समाप्ति के बाद रक्षाबंधन से श्रद्धालुओं के लिए भगवान श्री महाकालेश्वर के गर्भगृह दर्शन करने की व्यवस्था फिर से शुरू हो गई है। हालांकि इस बार व्यवस्था में थोड़ा बदलाव किया गया है।

नई व्यवस्था के तहत पंडे-पुजारियों के द्वारा श्रद्धालुओं को 1500 रुपये की दान रसीद उपलब्ध कराई जाएगी। एक रसीद पर दो लोग गर्भगृह में पहुंचकर भगवान के दर्शन कर पाएंगे। इसके साथ ही एक पुजारी को अधिकतम 6 लोगों की रसीद देने की परमिशन रहेगी।
ड्रेस कोड के साथ होगी एंट्री
करीब एक महीने बाद श्रावण पूर्णिमा का पर्व संपन्न होने के बाद शुक्रवार सुबह से मंदिर के पंडे पुजारियों के नाम पर 1500 रुपये की रसीद काटना शुरू किया है। इस रसीद पर पंडे पुजारी दो व्यक्तियों को ड्रेस कोड पालन के साथ गर्भगृह में जल चढ़ाने के लिए ले जा सकेंगे। सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने बताया कि शुक्रवार से पंडे पुजारियों के लिए 1500 की रसीद काटने की व्यवस्था शुरू हुई है। सुबह 6 से 9.30 बजे तक और संध्या के समय गर्भगृह में जजमान को प्रवेश के लिए एक पंडे और एक पुजारी के लिए 6 रसीद काटने की व्यवस्था निर्धारित की है। नंदी हाल से दर्शन के लिए कोई निर्देश नहीं हैं।
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