सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर ये है बड़ी अपडेट

Update: 2023-05-18 11:32 GMT

मध्य प्रदेश: पदोन्नति पर रोक के कारण मध्‍य प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी सरकार से नाराज हैं। उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। वहीं पदोन्नति शुरू करने के सरकार के प्रयास भी कारगर नहीं हो रहे हैं। सरकार पिछले डेढ़ साल से पदोन्नति के नए नियम बना रही है।

आरक्षित और अनारक्षित पक्ष के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है। दोनों पक्षों को सुनकर अंतिम अनुशंसा करने के लिए मंत्रिपरिषद की समिति बनाई है पर कोई हल नहीं निकला। नए पदोन्नति नियमों को लेकर दोनों पक्ष एकमत नहीं हैं इसलिए प्रदेश में कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता नहीं खुल पा रहा है। सरकार चाहती है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस समस्या का हल निकल जाए, ऐसा नहीं होता है तो चुनाव में खासकर अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों और उनके परिवारों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। कर्मचारी सात साल से इसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं।

वहीं हाई कोर्ट में राज्य सरकार आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। इस वर्ग को पसंद के वकील खड़े करने की अनुमति भी दी है। जिनकी फीस का भुगतान सरकार कर रही है। सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले पदोन्नति के नए नियमों पर काम शुरू किया है। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई मंत्री समूह की समिति को नए नियम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समिति ने कई दौर की बैठक कर पदोन्नति नियमों का प्रारूप तैयार किया, जिसे अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

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