तीन मंजिल से फेंकने पर नहीं टूटा स्ट्रक्चर, वहीं 10 फीट से गिरकर बिखर गईं प्रतिमाएं
इंदौर न्यूज़: महाकाल लोक में एफआरपी की प्रतिमाएं लगाने से पूर्व तकनीकी रूप से इन्हें ठोक बजाकर देखा गया था. इनसे बने कुछ स्ट्रक्चर को तीन मंजिल से फेंककर मजबूती परखी गई. उस दौरान इतनी ऊंचाई से गिरने पर भी एफआरपी के स्ट्रक्चर टूटे नहीं थे.
अब बड़ा सवाल है कि महाकाल लोक में लगाई प्रतिमाओं में ऐसी क्या खामी रह गई कि दस फीट ऊंचे पेडलस्टैंड से ही गिरकर सप्तऋषि की प्रतिमाएं खंडित हो गईं. क्या टेस्ट सैंपल और यहां लगाई गई प्रतिमाओं की क्वालिटी में अंतर रखा गया? बहरहाल हवा के दबाव से प्रतिमाओं के गिरने की घटना से क्वालिटी कंट्रोल प्रक्रिया कठघरे में आ गई है. सूत्रों के अनुसार महाकाल लोक में एफआरपी (फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक) की प्रतिमा लगाने से पहले उसकी गुणवत्ता पर कई बार मंथन हुआ था. इस मटेरियल पर बारिश, हवा, आग आदि का असर नहीं होने के दावे भी किए गए थे. सीपेट (सेंट्रल इंस्टीटॺूट फॉर प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी) की टीम ने परीक्षण कर ओके रिपोर्ट दी. समय-समय पर तकनीकी टीम ने परीक्षण भी किए. स्मार्ट सिटी कंपनी कार्यालय के दूसरी और तीसरी मंजिल से चार-चार फीट के हाथी व अन्य स्ट्रक्चर को फेंक कर देखा गया था. तब ये क्षतिग्रस्त नहीं हुए थे, लेकिन सप्तऋषि की प्रतिमाएं तेज हवा का दबाव नहीं झेल सकीं. इस मामले में राजनीति गरमाई हुई है, वहीं अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
मूर्तियों का जोड़ मजबूत होता तो टूटती नहीं
एफआरपी का वजन कम होता है और सुंदरता भी अधिक दी जा सकती है. प्रतिमा के आकार से इसकी मोटाई पांच एमएम से 10 एमएम होती है. प्रतिमाओं को फिक्स करना महत्वपूर्ण है. इन्हें स्टील के स्ट्रक्चर या स्टीफनर ब्रेसिंग पर बनाने के साथ ही मजबूत इंस्टॉलेशन करना जरूरी है. प्रतिमाओं का पॉइन्ट ऑफ कांटेक्ट मजबूत होता तो ये गिरती नहीं.
अशोक भार्गव, आर्किटेक्ट
टेंडर में ही खेल, स्पष्ट नहीं थी जानकारी
महाकाल लोक में प्रतिमाएं लगाने को लेकर जारी टेंडर में ही गड़बड़ी थी. इसमें नॉन एसओआर आइटम अंतर्गत शिव की थीम पर नौ से 15 फीट ऊंचाई के स्कल्पचर्स बनाने के प्रस्ताव बुलाए गए थे. इसमें सिर्फ प्रतिमा का आकार और कीमत का उल्लेख था. एफआरपी की मोटाई, उपयोग में आने वाले केमिकल, स्ट्रक्चर कैसा बनेगा समेत अन्य गुणवत्ता का विवरण नहीं था. टेंडर में डिजाइन भी नहीं दी गई थी.
बिना स्ट्रक्चर खड़ी कर दी विशाल प्रतिमाएं
सप्तऋषि की दस लाख की प्रतिमा में मजबूती के लिए 10 से 15 हजार रुपए के स्टीफनर ब्रेसिंग नहीं लगाए गए थे. प्रतिमाओं को महज स्टील के चोकोर फ्रेम पर फिट किया गया. हवा का दबाव आने पर प्रतिमा व फ्रेम के बीच का सोल्युशन और फिटिंग उखड़ गई और प्रतिमाएं गिर गईं.
पीएमओ ने जानकारी तलब की!: महाकाल लोक में प्रतिमाएं गिरने का मामला दिल्ली तक पहुंचा है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय से घटना व कार्य की तथ्यात्मक जानकारी तलब की गई है. स्मार्ट सिटी कंपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी रही.
इधर, तकनीकी जांच हुई शुरू: सप्तऋषि की प्रतिमाएं गिरने की तकनीकी जांच शुरू हो गई है. इसके अलावा महाकाल लोक में स्थापित अन्य प्रतिमाओं का भी तकनीकी टीम ऑडिट कर रही है. जरूरत के मुताबिक थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन कराया जा सकता है.