30 किलो चांदी से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का गर्भगृह द्वार हुआ तैयार

Update: 2023-06-27 18:39 GMT

खंडवा | ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए लगा चांदी द्वार क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाग उसे बदल दिया गया है। अब यह प्रवेश द्वार नए स्वरूप में नजर आएगा। इस नए प्रवेश द्वार को 30 किलो चांदी से तैयार किया गया है, जिसे बुधवार सुबह पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

इस दरवाजे के निर्माण के लिए दिल्ली के श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर ट्रस्ट को 30 किलो चांदी दान दी गई थी। पुनासा एसडीएम और मंदिर ट्रस्ट के कार्यपालन अधिकारी सी एस सोलंकी ने बताया कि ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु चांदी के मुख्य द्वार से प्रवेश करते हैं। पूराने प्रवेश द्वार को सागौन की लकड़ी पर चांदी की परत चढ़ा कर बनाया गया था, जिसे 35 साल से भी अधिक समय हो चुका है।

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि इस नवनिर्मित चांदी के दरवाजे पर भगवान की मूर्तियों के साथ ही ओंकार मंत्र भी नजर आएगा। इस दरवाजे को इंदौर के कारीगरों द्वारा बनाया गया है। कुछ समय पहले एक श्रद्धालु ने माता पार्वती को 10 किलो चांदी से बना हार भेंट किया है। माना जा रहा है कि इस साल सावन में यह दरवाजा और माता का हार श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा।

ओंकारेश्वर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और ममलेश्वर दो रूपों में विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती एक साथ विराजमान हैं और रात्रि में यहां विश्राम करते हैं। सावन के महीने में यहां भक्तों का तांता लगा होता है।

खास बात ये है कि मंदिर का निर्माण उत्तर भारतीय वास्तुकला में किया गया है। पांच मंजिला इस मंदिर में सबसे नीचे श्री ओंकारेश्वर देव, श्री महाकालेश्वर, श्री सिद्धनाथ, श्री गुप्तेश्वर और अंत में ध्वजाधारी देवता विराजमान हैं।

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