जंगलों में भालुओं की संख्या बढ़ी, वन विभाग सामान्य वनमंडल रायसेन ने जगह-जगह बनवाए पोखर

Update: 2024-05-15 09:50 GMT
रायसेन। सामान्य वनमंडल रायसेन के पूर्वी पश्चमी वनरेंज के जंगलों में भालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। रायसेन के जंगलों में भी बड़ी मात्रा में भालू हैं. गर्मी में नदी-तालाब सूखने के कारण वन विभाग ने जंगलों में कई जगहों पर अस्थाई जलस्रोत तैयार किए हैं. आइए जानते हैं भालुओं के स्वभाव के बारे में. मध्यप्रदेश के जंगलों में भालुओं की प्रजाति फलफूल रही है. जंगलों मे भालुओं के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है. रायसेन जिले के सामान्य वन मण्डल के जंगलों से मादा भालू के अपने बच्चे के साथ खेलते हुए फोटो वन विभाग के कैमरे मे कैद हुए हैं. भालू अक्सर गुफाओं मे अपना आशियाना बना कर रहने वाले होते हैं. तेज़ रफ़्तार से दौड़ने के साथ इन्हें पेड़ों पर चढ़ने में महारत हासिल है. ये गहरे पानी में भी बखूबी तैर सकते हैं. ये अकेला रहना पसंद करते हैं. केवल बच्चे जनने के लिये ही नर और मादा भालू साथ आते हैं.
अकेले रहते हैं भालू.....
आमतौर पर अकेले रहते हैं भालू
वन्य प्रेमी बताते हैं कि बच्चा पैदा होने के बाद ये फिर अलग हो जाते हैं। बच्चा कुछ समय तक अपनी मां के साथ रहता है. इस दौरान मादा भालू बड़ी संवेदनशील होती है. ज़रा भी खतरे का अहसास होने पर ये हमला करने से नहीं चूकती. हालांकि ये दिन के समय ही सक्रिय होते हैं पर कभीकभार खाने की तलाश में रात मे भी वनों में घूमती है।
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