मथुरा यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे का शिकार हुए पुलिस जवान का हुआ अंतिम संस्कार
मथुरा यमुना एक्सप्रेस वे में हुए हादसे का शिकार पुलिस जवान कमलेंद्र यादव का शव शनिवार सुबह 5 बजे एम्बूलेंस से उनकें गृह ग्राम बदेलनखेरा थाना भगवां पहुंच गया।
मथुरा यमुना एक्सप्रेस वे में हुए हादसे का शिकार पुलिस जवान कमलेंद्र यादव का शव शनिवार सुबह 5 बजे एम्बूलेंस से उनकें गृह ग्राम बदेलनखेरा थाना भगवां पहुंच गया। गांव में शव पहुंचते ही हर आंख नम हो गई और सभी की आंख से आंसू बहनें लगे। आसपास के इलाकों से सैकडों लोगों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। विधायक प्रधुम्न सिंह लोधी, डीआईजी विवेकराज सिंह, एसपी सचिन शर्मा, एसडीओपी राजाराम साहू सहित बडामलहरा अनुविभाग के सभी थाना पुलिस ने कमलेंद्र यादव के परिवार को सांत्वना दी है। विधायक प्रधुम्न सिंह लोधी ने कहा कि दु:खित परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि, कमलेंद्र को पूरा सम्मान दिया जाएगा और पीडित परिवार को हर संभव मदद दिलाई जाएगी।
एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि कमलेंद्र हमारे पुलिस परिवार का सदस्य था। उसके जाने से परिवार के साथ साथ पुलिस महकमे को दु:ख है। उसे पूरा सम्मान दिया जाएगा 15 दिन में परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी मिलेगी और शहीद स्मारक भी बनेगा, पूरी फोर्स परेड रिहर्सल करेगी।
बता दें कि कमलेंद्र यादव टीकमगढ जिले के बुडेरा थाना में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। पुलिस टीम के साथ वह एक अपहृत युवती को बरामद करनें हरियाणा जा रहे थे। मथुरा (उत्तरप्रदेश) के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर बोलेरो वाहन एक पुलिया से टकरा गई। इस घटना में आरक्षक कमलेंद्र यादव, प्रधान आरक्षक भवानी प्रसाद, महिला आरक्षक हीरा देवी, चालक जगदीश, रवि रैकवार की दर्दनाक मौत हो गई, घटना में 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
राजकीय सम्मान के साथ कमलेंद्र को दी अंतिम विदाई
आरक्षक कमलेंद्र पिता जीतलाल यादव 25 वर्ष निवासी बन्देलनखेरा थाना भगवां जिला छतरपुर को पुलिस ने सलामी देकर राजकीय सम्मान के साथ सुबह साढे 11 बजे गृह ग्राम बन्देलनखेरा में अंतिम विदाई दी गई। शव यात्रा में परिजन के साथ घुवारा पुलिस चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार, सहित पुलिस कर्मियों ने अर्थी को कंधा दिया। शव यात्रा में विधायक प्रधुम्न सिंह लोधी, डीआईजी विवेकराज सिंह, एसपी सचिन शर्मा, परिजन के अलावा सैकडों ग्रामीणों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर नम आंखों से कमलेंद्र को अंतिम विदाई दी।
जानकारी के मुताबिक कमलेंद्र 2 भाई थे। वर्ष 2018 में उनकी शादी हुई पुलिस विभाग में सिपाही के रूप में 5 वर्ष पहले ज्वानिंग दी। आरक्षक कमलेंद्र यादव का 3 माह का एक बेटा है। परिजनों ने बताया कि गरीबी में कमलेंद्र की परवरिस हुई पढ़ालिखाकर उसे पुलिस की नोकरी लायक बनाया वह 5 कि.मी. पैदल चलकर भगवां में पढाई के लिए जाता था। आर्थिक तंगी के कारण साईकिल खरीदना भी मुश्किल रहता था।