विद्यार्थी की नम्रता और विनय Guru के हृदय में वात्सल्यभाव पैदा करता है: सा.श्री तत्वलताश्रीजी
Meghnagar मेघनगर। नगर के राजेंद्र सूरी जैन ज्ञान मंदिर में ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य साध्वी भगवत तत्वलताश्रीजी महाराज साहब ने आज धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, जिस विद्यार्थी के भीतर नम्रता और विनय का गुण होता है वह अपने गुरु के दिल में वात्सल्य भाव को पैदा करता है और उस वात्सल्य भाव से गुरु का अपने शिष्य के प्रति उद्यम और उत्साह बढ़ जाता हैं। पूज्य साध्वीजी ने आज भाटपचलाना, जावरा, झाबुआ, पारा से पधारे गुरु भक्तों को कहा कि हमारे पुण्य सम्राट गुरुदेव ने हमारे दादा गुरुदेव श्रीमद् यतींद्र सुरीश्वरजी गुरुदेव द्वारा स्थापित परिषद को बढ़े ही विनम्र भावों और विनयता के साथ अपने जीवन के अंतिम समय तक संचालित किया है, जिसका यह परिणाम है कि आज भारत भर ही नहीं, विदेश में भी परिषद की शाखा है। हमे भी अपनी संस्था के प्रति सच्ची निष्ठा और समर्पण के साथ उसकी उन्नति में सहभागी बनना है।
उक्त जानकारी देते हुए रजत कावड़िया ने बताया कि, आज जावरा श्रीसंघ के साथ महिला परिषद प्रदेश अध्यक्ष सारिका कोलन का भी आगमन हुआ, जावरा श्रीसंघ अध्यक्ष विजयजी आंचलिया, भाटपचलाना संघ के बाबूलाल बुपक्या, आदि का बहुमान के लाभार्थी परिवारों द्वारा लिया गया।