भोपाल न्यूज़: शहर की सड़कें इन दिनों भारी ट्रैफिक जाम और पार्किंग की वजह से गायब हो गई हैं. बढ़ता कंजेशन क्षेत्र में वाहनों को रेंगने पर मजबूर कर रहा है. इससे वायु व ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है. जगह न मिलने पर लोग मुख्यमार्गों पर ही गाड़ी खड़ी कर रहे हैं और दस नंबर,चौक जैसे बाजार क्षेत्रों में तो वाहनों को अंदर रहवासी क्षेत्रों की गलियों में पार्क किया जा रहा है. निगम के अफसरों ने पार्किंग और ट्रैफिक को लेकर हाल में इब्राहिमपुरा क्षेत्र का निरीक्षण किया, लेकिन वे यहां की मल्टीलेवल पार्किंग में इन वाहनों को रखने की व्यवस्था पर पुख्ता काम नहीं कर सके.
स्थिति ये है कि शहर में दस नंबर से लेकर एमपी नगर, चौक, अरेरा कॉलोनी, कोलार रोड, बावडिय़ा और तमाम क्षेत्रों में टीएंडसीपी बड़े मॉल, व्यावसायिक भवनों के लिए ले-आउट मंजूर कर रहा है, लेकिन उसमें वह पार्किंग की व्यवस्था को लेकर काम नहीं करवा पा रहा. नगर निगम खुद यहां आवासीय अनुमतियों से बड़े व्यावसायिक भवनों का निर्माण करवा रहा है. भवन बनने के बाद संकरी रोड का बड़ा हिस्सा यहां की पार्किंग के तौर पर उपयोग किया जाता है और फिर नगर निगम और टीएंडसीपी इसे ट्रैफिक पुलिस का मामला बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं. अब भी आप दस नंबर से 11 नंबर की ओर चौराहे पर आवासीय प्लॉट पर बड़ा व्यावसायिक भवन बनते देख सकते हैं.
40 हजार से अधिक वाहन सड़कों पर
स्ट्रक्चरल इंजीनियर व ट्रैफिक एक्सपर्ट अब्दुल मजीद का कहना है कि इस समय शहर की सड़कों पर एक समय में 40 हजार वाहन खड़े होते हैं. यह तो मुख्य क्षेत्रों की सड़कों की बात है. अन्य क्षेत्रों का आंकड़ा इससे कई गुना होगा. उनके अनुसार टीएंडसीपी ले-आउट मंजूर करता है, उसमें भूमि विकास नियम के तहत प्रावधान करने की बात दर्ज करता है, लेकिन जिन्हें इसका पालन कराना है, वे ध्यान नहीं देते. वॉयस ऑफ भोपाल के कमल राठी का कहना है कि मैं अरेरा कॉलोनी इ-2 में रहता हूं और यहां व इससे पास के सेक्टर में लगातार बड़े निर्माण हो रहे. सड़कें तो पुरानी ही है, ऐसे में कैसे आप जाम को रोकेंगे, पार्किंग के लिए जगह निकालेंगे.
सड़कों पर जाम न हो और बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था के लिए हम योजना बना रहे हैं. अनुमतियों को भी निकालकर सड़क की चौड़ाई के अनुसार उसे देखा जाएगा.
केवीएस चौधरी, निगमायुक्त