Tampering With Security: जिलेभर बिना फायर सेफ्टी एनओसी के चल रहे प्रायवेट अस्पताल

Update: 2024-06-02 12:21 GMT
Raisen रायसेन। शासकीय जिला अस्पताल जप्रबंधन द्वारा 8 साल बाद भी ट्रामा सेंटर में नए केज्युल्टी वार्ड को शुरू करने की तैयारी की कोई व्यवस्था नहीं।। नए भवन में पुनर्निमाण के कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन यहां अभी तक फायर सिस्टम ही नहीं लगाया गया है। नए वार्ड के शुरू होने पर यहां फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं होने से भविष्य में परेशानी आ सकती है।
तीन दिन पूर्व कलेक्टर अरविंद दुबे के निर्देश पर नगर पालिका पीडब्ल्यू विद्युत विभाग और अग्निशमन विभाग अधिकारियों व इंजीनियर्स ने अस्पताल प्रबंधन के अफसरों ने जिला अस्पताल में निरीक्षण किया था। इस दौरान फायर सेफ्टी में कई कमियां पाई गई। सेंट्रल फायर सिस्टम के स्प्रींकलर बंद थे, फायर पंप हाउस में पानी नहीं था। फायर अलार्म भी निष्क्रिय यानि बंद पाया गया। कई उपकरणों का प्रॉपर इंस्टॉलेशन भी नहीं था। कमियों की सूची बनाकर टीम ने जिला अस्पताल प्रबंधन को सौंपी है। 
Tampering With Security
नोजल सिस्टम नहीं.....
दो साल से नोजल तक नहीं लगा पाए
करीब दो साल पहले ए-ब्लॉक के बाहर नैदानिक केंद्र के पास लगे फायर सेफ्टी सिस्टम से नोजल और उपकरण चोरी हुए थे। मामले में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी। तब से लेकर आज तक यहां फायर सेफ्टी सिस्टम के उपकरण और नोजल तक नहीं लगाए गए है। फायर ऑडिट की कमियों में इसका भी जिक्र है।
50 बेड से अधिक के अस्पतालों को एनओसी जरूरी....
फायर सेफ्टी सिस्टम को लेकर सरकारी नियमानुसार 50 बेड से अधिक के अस्पताल को तीन साल में एक बार फायर ऑडिट कराकर एनओसी लेना होती है। हालांकि साल में दो बार फायर सिस्टम को चेक भी कराना होता है। नियमों का पालन नहीं करने पर अस्पताल की मान्यता तक रद्द हो सकती है। जिले भर के प्राइवेट अस्पतालों में जरूरी उपकरण भी मौजूद नहीं है।
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