स्वामी अवधेशानंद गिरि ने संस्कृत विद्यालय का अवलोकन कर विद्यार्थियों को दिए आशीर्वचन
इंदौर न्यूज़: स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पंचवटी परिसर में संचालित संस्कृत विद्यालय का अवलोकन किया. उन्होंने विद्यार्थियों से मिलकर आशीर्वचन दिए, जिसमें संस्कृत भाषा का महत्व समझाया. उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा को हम सुनकर भी सीख सकते हैं. विद्या के चार अंग है - अध्ययन, अध्यापन, अभ्यास व व्यवहार.
इजराइल हर क्षेत्र में आगे: उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि इजराइल देश के नागरिकों ने अपनी भाषा और संस्कृति को संजोया, उसकी रक्षा की, इसलिए आज वे विश्वभर में हर क्षेत्र में आगे हैं. संस्कृत भाषा उच्च चरित्र का निर्माण करती है और यह भविष्य की भाषा होगी. पूरे विश्व में इसे फिर वही सम्मान मिलेगा और इसका गौरव पुन: लौटेगा. आयुर्वेदिक ब्रह्मचर्याश्रम ट्रस्ट अध्यक्ष महेशचंद्र शास्त्री व मंत्री पुरषोत्तमदास पसारी ने बताया कि इस पाठशाला में संस्कृत भाषा, व्याकरण, काव्य कोष, वेद-वेदांग दर्शन, धर्मशास्त्र, कर्मकांड आदि की शिक्षा नि:शुल्क दी जाती है. परिसर में वर्ष 1924 के पूर्व स्थापित पंचनाथ महादेवजी मंदिर, स्वामी द्वारकादत्त महाराज की समाधि यज्ञशाला, पड़सालों, गोशाला आदि का अपना महत्व हैं.