नर्मदापुरम। शासकीय नर्मदा कॉलेज में आज आईक्यूएसी और विश्व बैंक परियोजना के तहत गैर शैक्षणिक स्टाफ के लिए कार्यालय और प्रयोगशाला प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जिसका उद्देश्य रहा कार्यालयीन लेखा अधिकारियों, कर्मचारियों लैब टेक्नीशियन, ग्रंथपाल कंम्पयूटर आपरेटर्स आदि की भूमिका क्या है, कार्यालय या प्रयोगशाला में उनकी कार्यशैली कैसी हो। उपकरणों का रख-रखाव, व्यवहारिक कौशल कैसा होना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से किया। स्वागत उद्बोधन और विषय प्रवर्तन में प्राचार्य डॉ ओएन चौबे ने गैर शैक्षणिक स्टाफ को संस्था की मुख्य कड़ी बताते हुए कहा कि संख्या में कम होने के बावजूद कार्य को सुचारू चलाते हैं, किंतु आवश्यकता है, समय के साथ तकनीकी कौशल विकास और व्यावहारिकता की। काम के दबाव में भी विद्यार्थियों और सहकर्मियों से शिष्टता अपनाएं। जिम्मेदार और सकारात्मक बनना होगा। डॉ कामिनी जैन प्राचार्य अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में विभिन्न सॉफ्टवेयर्स कंपनियों द्वारा कोर्स संचालित किए जाते हैं, उनके माध्यम से ई मित्र बनकर ऑफिस के विभिन्न कार्यों को आसान बनाया जा सकता है। उन्होंने मध्यप्रदेश में पहली बार इस तरह के प्रशिक्षण की सराहना की। अतिरिक्त संचालक नर्मदापुरम मथुरा प्रसाद ऑनलाइन उपस्थित हुए।
उन्होंने इसे बेहतरीन नवाचार बताते हुए कहा कि नवीन सॉफ्टवेयर प्रचलित हुए हैं, अकाउंट सेक्शन, पेंशन, सर्विस बुक, इनकम टैक्स, छात्रवृत्ति लाइब्रेरी, अपग्रेड हुए हैं। इस कार्यक्रम ने परिवर्तन से सामंजस्य करने की दिशा में प्रेरित किया है। मधु अग्रवाल ट्रेजरी सिस्टम मैनेजर ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता में आई एफएमएस तकनीक के उपयोग और संचालन पर सीधे प्रसारण के साथ ई कुबेर, ई-मुद्रा ऐप के उपयोग समझाए। उपस्थित प्रतिभागियों के प्रश्नों जिज्ञासाओं का निदान किया। उन्होंने यह भी बताया कि अपनी प्रोफाइल में जन्म तारीख या छोटी छोटी जानकारी हमेशा अपडेट रखें अन्यथा इन गलतियों से भारी नुकसान होते हैं। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ एससी हर्णे ने पीपीटी द्वारा संदेश दिया कि कार्यालयीन स्टाफ की संप्रेषण भाषा सरल और मधुर होगी तो व्यवसायिक छबि बेहतर होगी। अत: जानकारी रखें और विद्यार्थियों की समस्याएं कम करें। डॉ बीएस आर्य, डॉ अरुण सिकरवार और डॉ रवि उपाध्याय ने क्रमश: भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान विषयों की प्रयोगशाला के उपकरणों,उनके रखरखाव तथा दस्तावेजी करण के प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट किया। डॉ कमल वाधवा, डॉ ममता गर्ग कार्यक्रम के संयोजक और संचालक रहे। नर्मदापुरम के अलावा डोलरिया, सुखतवा इटारसी, बाबई, पिपरिया, सोहागपुर आदि स्थानों से आए प्रतिभागियों ने प्रदेश के प्रथम कार्यक्रम पर हर्ष व्यक्त करते हुए अपने फीडबैक प्रस्तुत किए। प्रमाण पत्र वितरित किए। संचालन डॉ दिनेश श्रीवास्तव का तकनीकी सहयोग चेतना पवार नीता वर्मा, प्रतीत गौर, आशीष चतुर्वेदी का रहा। डॉ बीसी जोशी ने आभार व्यक्त किया। डॉ संजय चौधरी, डॉ ईरा वर्मा, डॉ एनआर अडलक, डॉ मीना कीर, डॉ सविता गुप्ता, डॉ अर्पणा श्रीवास्तव डॉ अंजना यादव सहित समस्त गैर शैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहा।