Sharadiya Navratri पर्व शुरू: इस बार पालकी में सवार होकर आईं मां जगदंबे, त्योहारों का मौसम
Raisen रायसेन। गुरुवार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र पर्व शुरू हो गया है।इस बार पालकी पर सवार होकर आईं हैं देवी भगवती ।शहर में जगह जगह लगभग 50 से पंडालों में महिषासुर मर्दिनी की एक से बढ़कर एक आकर्षक देवी जगत जननी की प्रतिमाएं पूरे विधि विधान से देवी के भक्तों द्वारा स्थापित की है।रायसेन नगर के महामाया चौक माता महाकाली मन्दिर गंजबाजार,श्रीराम लीला ग्राउंड, यशवंत नगर, मुखर्जीनगर, अर्जुन नगर बालविहार, पाटनदेव कलेक्ट्रेट कालोनी शिकारीपुरा, गोपालपुर दुर्गा चौक पुराना बस स्टैंड अथाई मोहल्ला नरापुरा आदि क्षेत्रों में एक दो रोज पहले ही माता जगदंबे की झांकी के पंडाल सजाए गए।जिला अस्पताल के सामने से माता भद्र काली की आकर्षक प्रतिमा के साथ ढोलनगाडोंके बीच गुरुवार को सुबह महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली जो वार्ड14 हिम्मत सिंह कुशवाहा एडवोकेट के घर के नजदीक पंडाल में काली के भक्तों द्वारा स्थापित कर आरती पूजन की।
श्री दुर्गा पूजन एवं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त....
शारदीय नवरात्र में हर दिन अलग-अलग देवी रूपों की होती है पूजा।आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि रहते हैं। इन दिनों भक्त भगवती, दुर्गा की, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती के साथ नौ देवियों की पूजन अर्चना करते है तो वही नगर के अनेक स्थानों पर जगह जगह मां दुर्गा की साकार रूप में झांकियों के माध्यम से एवं देवी मंदिरों में भक्त मां की आराधना करते हैं। साथ में भक्त अपने घरों में अखंड ज्योति जलाकर घट स्थापना एवं जवारे बोकर मां की पूजा अर्चना करते हैं ।श्री दुर्गा सप्तशती का सकाम या निष्काम भाव से पाठ करते हैं। धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला सौजना, पंडित राममोहन चतुर्वेदी पंडित विनोद संतोष शास्त्री ने बताया कि नौ शक्तियों से युक्त होने से इसे नवरात्र कहा जाता है। देवी भागवत के अनुसार यदि नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती है तो नवरात्रि का आगमन डोली पालकी में सवार होकर मां भगवती का आगमन होता है। इस कारण नवरात्रि का आगमन पालकी में सवार होकर भगवती दुर्गा का आगमन हो रहा है। पंडित शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ होगी और 11 अक्टूबर तक रहेगी। 12 अक्टूबर को विजयादशमी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।माध्यम ग्रुप रायसेन के बैनर तले 12 हजार किमी लंबी चुनरी छौले वाली माता रानी खण्डेरा में भक्तों द्वारा पैदल यात्रा कर भवानी मां को अर्पित की जाएगी। भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच, दुर्गा स्त्रोत, 108 नाम मंत्र का जाप हवन आदि करते हैं।
घट स्थापना के शुभ मुहूर्त में मां जगदंबे की उपासना आराधना के लिए भक्तों ने शुभ मुहूर्त में अखंड ज्योति जलाकर की गई।
स्थिर लग्नों के अनुसार...
3 अक्टूबर गुरुवार को सुबह 6.14 से 7.45 तक शुभ की चौघड़िया।
दोपहर में 12 से 3 लाभ अमृत की चौघड़िया।शाम को 4.30 से 6 तक शुभ की चौघडिया में अखण्ड ज्योति के साथ ज्वारे बोए गए।