Shahdol: बसोहरा गांव में वन क्षेत्र सीमा में किए गये अवैध कब्जा को रेंजर ने मुंहदेखी कार्रवाई
Shahdol शहडोल : जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत देवरा बीट के बसोहरा गांव में वन क्षेत्र सीमा में किए गये अवैध कब्जा को रेंजर ने मुंहदेखी कार्रवाई को अंजाम देकर छिन्न-भिन्न कर दिया है। रेंजर की इस कार्रवाई से आदिवासी परिवार आक्रोश में है। उनका आरोप है कि हम गरीब हैं इसलिये हमारी झोपड-पट्टी उजाड़ डाली गई, लेकिन हमारे ठीक बगल में एक व्यक्ति ने वन भूमि पर पक्का मकान और दुकान बनवा लिया है, जिसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। कुल मिलाकर रेंजर ने साघन सम्पन्न व्यक्ति को अभयदान दे दिया है, इस प्रकार की मुँहदेखी कार्रवाई से जयसिंहनगर क्षेत्र में रेजर की खासी छीछालेदर हो रही है।
ग्राम बसोहरा निवासी मीना सिंह पति शैलेन्द्र सिंह, बबली सिंह पति श्याम सिंह, सत्यवती सिंह पति हीरामन सिंह ने सीएम हेल्पलाइन में इस आशय की शिकायत किया है कि वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर ने उनकी झोपड़ी को आनन-फानन में उजाड़कर नष्ट कर दिया है। जबकि उनकी झोपड़ी के ठीक बगल में एक असरदार व्यक्ति ने वन भूमि में ही अवैध कब्जा करके पक्का मकान और दुकान बनवा लिया है। वह ठप्पे के साथ वहाँ पर रहकर अपनी दुकानदारी कर रहा है। जिस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
रेजर का अहंकार
ग्राम बसोहरा में झोपड़ पट्टी को उजाड़े जाने के सिलसिले में जब वन परिक्षेत्राधिकारी जयसिंहनगर दिनेश पटेल का पक्ष जानने के लिये मंगलवार की दोपहर उनके मोबाइल पर कॉल किया गया तो उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं की हकीकत को जानना है तो उनके कार्यालय में आ जाओ। इसके बाद उन्होंने कॉल को काट दिया। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि रेंजर ने अपने मातहत से झोपड़ पट्टी वाले कब्जाधारी की झोपड़ी को पल भर में नष्ट करवा दिया, लेकिन साघन संपन्न वाले अवैध कब्जाधारी से कौन सी सांटगाठ हो गई जो अभी भी बिना कोई भय के अपनी दुकानदारी ठप्पे के साथ चला रहा है। इतना ही नहीं कई मामलों में जयसिंहनगर रेंजर का अहंकार सर चढ़ कर यह बोलता है कि बस एक मात्र वही जंगल और दफ्तर के फन्ने खां हैं।
शिकायतकर्ताओं के पास सब कुछ : एसडीओ
बसोहरा गांव से लगे जंगल की जमीन पर बनाई गई झोपड़ी को नेस्तनाबूत किये जाने और दुकानदार को रेंजर द्वारा अभयदान दिये जाने के मामले में जब एसडीओ फारेस्ट जयसिंहनगर मुकुल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ताओं के पास घर, खेत, बाड़ी और कुंआ सब कुछ है। जिनके दस्तावेज भी हमारे पास उपलब्ध हैं। इसके बाद भी उनके द्वारा वन भूमि में बेजा कब्जा किया गया है, जिसके कारण मजबूर होकर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है।