वरिष्ठ नागरिक Cyber Fraud का शिकार, 40.7 लाख रुपये से अधिक की ठगी

Update: 2024-10-29 12:44 GMT
Indore इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में साइबर जालसाजों ने 70 वर्षीय एक व्यक्ति को कथित तौर पर "डिजिटल गिरफ्तारी" में डाल दिया और उससे 40.7 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) राजेश दंडोतिया ने बताया कि दो आरोपियों ने मुंबई पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी बनकर एक निजी कंपनी में काम करने वाले 70 वर्षीय व्यक्ति को फोन किया। उन्होंने बताया, "जालसाजों ने पीड़ित को बताया कि मुंबई में केनरा बैंक के एक खाते के जरिए उसके नाम पर 2.60 करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन किया गया है।"
दंडोतिया ने बताया कि जालसाजों ने व्यक्ति के साथ वीडियो कॉल की और उसे "डिजिटल गिरफ्तारी" में डालने की धमकी दी और फर्जी पूछताछ के दौरान उसे निर्देश देते रहे। गिरफ्तारी के डर से शिकायतकर्ता ने अपनी बचत से 40.7 लाख रुपये आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। अधिकारी ने बताया, "धोखेबाजों ने व्यक्ति से कहा कि अगर वह कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच में निर्दोष साबित होता है तो एक-दो घंटे में उसके खाते में रकम वापस आ जाएगी।" दंडोतिया ने बताया कि ठगी का अहसास होने पर व्यक्ति ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) और इंदौर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है और विस्तृत जांच की जा रही है। "डिजिटल गिरफ्तारी" साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है, जिसमें जालसाज कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल पर धमकाते हैं और गिरफ्तारी के झूठे बहाने से उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बना लेते हैं।
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