जैथारी पुलिस ने अपहरण मारपीट की बजाय गुमशुदगी की FIR दर्ज की, परिजनों में आक्रोश

Update: 2025-01-10 10:59 GMT
Raisen/सिलवानी। तहसील सिलवानी के ग्राम धनगवां में एक पीड़ित परिवार ने पुलिस चौकी जैथारी में अपने पुत्र के साथ मारपीट कर दबंगों द्वारा अपहरण किए जाने की रिपोर्ट की थी।परन्तु जैथारी पुलिस चौकी प्रभारी अरविंद पांडे द्वारा फरियादी द्वारा दिए गए आवेदन में अपहरण मारपीट की रिपोर्ट दर्ज ना करते हुए जैथारी चौकी प्रभारी द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर दी गई। आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर दिन कलेक्टरअरविंद दुबे एवं जिला पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे के नाम सिलवानी एसडीएम कार्यालय में पदस्थ अनिल भार्गव को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की है।
ज्ञापन में यह उल्लेख किया है कि मैं रामभरोसी आदिवासी निवासी ग्राम धनगवां तहसील सिलवानी ने बताया कि ग्राम धनगवां मे दिनांक 2 जनवरी 2025 को मेरा पुत्र रीतेश आदिवासी ग्राम धनगवां मे नल के पास अन्नू आदिवासी से मामूली बहस या कहासुनी हुई थी। जिसको लेकर अन्नू आदिवासी ने अपने पिता संतोष आदिवासी जो की ग्राम धनगंवा मे निवासरत है ।उनके पुत्र अन्नू के द्वारा अपने पिता संतोष आदिवासी को फोन करके गुंडे बदमाशो को बुलवाकर मेरे पुत्र रीतेश आदिवासी से बेरहमी से मारपीट की देर शाम को वह रीतेश आदिवासी को संतोष आदिवासी, लगभग 5 लोग अल्टो कार मे डालकर अपहरण कर मेरे पुत्र रीतेश आदिवासी को उठा कर ले गये। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा जैथारी पुलिस चौकी मे चौकी प्रभारी अरविन्द पांडे को रीतेश आदिवासी को मारपीट व अपहरण की लिखित शिकायत की थी ।लेकिन पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा रीतेश आदिवासी के अपहरण मारपीट की एफआईआर ना करते हुये मनमानी तरीके से 2 जनवरी 2025 को रीतेश आदिवासी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है। जबकि मुझ फरियादी रामभरोसी द्वारा मेरे पुत्र रीतेश आदिवासी के संबध मे मारपीट और आवेदन पुलिस चौकी मे दिया गया था।
यह कि अपहरण करता के रिश्तेदार महेश भोपाल पुलिस मे पदस्थ है उनके नाम की ग्राम मे हम लोगों को धमकी देता है।इस मामले में 9 जनवरी 2025 को हम समस्त लोग एसडीओपी कार्यालय सिलवानी आये यहां पर एसडीओपी अनिल मौर्य द्वारा हमसे मौखिक रूप से यह गया कि जिन लोगो ने आपके पुत्र को अपहरण किया गया है ।उनको 4 बजे शाम बुलवाकर उनसे बातचीत करेगें। उसके बाद एफआईआर करेगें।
फरियादी ने बताया कि मेरे पुत्र रीतेश आदिवासी को अपहरण के 8 दिन हो गये है। लेकिन पुलिस द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कि गई है। उसकी दबंगो से जान को खतरा है।मेरे पुत्र रीतेश आदिवासी को अपहरण कर्ताओं से मुक्त कराया जाए। मुझे मेरे पुत्र की कोई भी जानकारी भी नहीं है कि मेरा पुत्र जिंदा है या मर गया है। एसडीओपी सिलवानी मौर्य से तत्काल कार्यवाही की मांग की है।
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