अतिशेष की श्रेणी में आए Science शिक्षकों ने काउंसिलिंग का विरोध कर की जमकर नारेबाजी
Raisen रायसेन. जिला शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही मनमानी अब आहिस्ता आहिस्ता उजागर होने लगी है।अतिशेष शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में पदस्थ करने के लिए की जा रही काउंसिलिंग की कड़ी में विज्ञान विषय के माध्यमिक शिक्षकों की काउंसिलिंग की गई। लेकिन इसका विरोध करते हुए शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की और नाराजगी जाहिर की। शिक्षकों ने कहा कि शासन की नीति समझ से परे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय विज्ञान का ....नारा दिया है ।लेकिन यहां विज्ञान के शिक्षकों को ही कुछ ज्यादा परेशान किया जा रहा है।
हर जगह विज्ञान की चर्चा है और इसकी पढ़ाई पर जोर दिया जाता है। लेकिन शासन ने इसी विषय को दूसरे से पांचवें स्थान पर धकेल दिया है। विज्ञान विषय से ही मिडिल स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को अब अतिशेष बताकर दूसरे स्कूलों में भेजा जा रहा है। जबकि विज्ञान पर गणित को प्राथमिकता दी जा रही है। काउंसिलिंग के दौरान शिक्षकों ने खूब नारेबाजी की और अपनी भड़ास निकाली। ये शिक्षक जिले के विभिन्न विकासखंडों से आए थे। हंगामा और नाराजगी के चलते शाम तक सभी शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी, उन्हें फिर आना होगा।
मानव अधिकार आयोग तक जाऊंगी....
मेरी जगह दूसरे शिक्षक को भेजकर मुझे अतिशेष की सूची में डाल कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। जो सरासर गलत और नाइंसाफ़ी है।विषय संशोधन के लिए भी आवेदन दिया था। मैं इस काउंसिलिंग से पूरी तरह असहमत हूं। मानव अधिकार आयोग तक जाऊंगी।
सीमा गौर, शिक्षिका कन्या शाला देहगांव
इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट जबलपुर तक जाएंगे.....
हमारी पोस्टिंग के समय विज्ञान के पद पर पदस्थ किया था। अब इस विषय को मर्ज कर दिया है। विज्ञान के दौर में विज्ञान को नजरअंदाज करना समझ से परे है। इसके विरुद्ध हम हाइकोर्ट जबलपुर का दरवाजा खटखटाएंगे।मनोहर लाल शिक्षक